फूलों से मुस्काता उद्यान हो
प्रेम का जहाँ मधु रस पान हो
न मज़हब की कही बात हो
धर्म हर इंसान का इंसान हो
लिख दूँ लहू से वो गीत अमर
जिस पर माँ तुझे अभिमान हो
हर हाथ में फहराएं पंचम तेरा
हर तरफ़ तेरा ही यश गान हो
जय हिंद
म कनेरी
ऐसा ही हो ईश्वर हमें जोड़े रखे | राष्ट्र को जोड़े रखे |
ReplyDeleteआभार मोनिका जी
ReplyDeleteआमीन
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर, प्रार्थना जैसा गीत, शुभकामनाएं.
ReplyDelete#हिंदी_ब्लागिँग में नया जोश भरने के लिये आपका सादर आभार
रामराम
०५०
अन्तर्राष्ट्रीय ब्लोगर्स डे की शुभकामनायें ..... हिन्दी ब्लॉग दिवस का हैशटैग है #हिन्दी_ब्लॉगिंग .... पोस्ट लिखें या टिपण्णी , टैग अवश्य करें ......
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (02-07-2016) को "ब्लॉगिंग से नाता जोड़ो" (चर्चा अंक-2653) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ही शानदार .........यात्रा कहीं से शुरू हो वापसी घर पर ही होती है :)#हिंदी_ब्लोगिंग
ReplyDeleteन मज़हब की कही बात हो
ReplyDeleteधर्म हर इंसान का इंसान हो
लिख दूँ लहू से वो गीत अमर
जिस पर माँ तुझे अभिमान हो
.. बहुत सही ..
वाह बहुत सुंदर
ReplyDeleteशुभकामनाएं
अद्भुत हैं आपकी रचनाएं , बधाई !
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉगिंग में आपका योगदान सराहनीय है , आप लिख रही हैं क्योंकि आपके पास भावनाएं और मजबूत अभिव्यक्ति है , इस आत्म अभिव्यक्ति से जो संतुष्टि मिलेगी वह सैकड़ों तालियों से अधिक होगी !
मानती हैं न ?
मंगलकामनाएं आपको !
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
....लाज़वाब पंक्तियाँ बहुत ही शानदार
ReplyDeleteयही तो चाहिये हम सब को मन की बात कह दी आपने ..
ReplyDeleteअति उतम दीदी!
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