मिलकर मनाएं चलो दिवाली
रह जाए न देखो ,कोई कोना खाली
घर –घर दीपों की झड़ी
लगादें
मिलकर मनाएं चलो दिवाली……
नव ज्योति के झिलमिल
पंखो से
आओ हटा दें हर घर से
अँधेरा
करें जगमग आस किरणों
को
लाएं फिर एक नया सवेरा
मिलकर मनाएं चलो दिवाली…..
चमक रोशनी की कुछ ऐसी
हो
कि राह भटक जाए ‘अंधेरा’
फिर कभी न हो किसी
ह्रदय में
उदासी का यूँ गहन बसेरा
मिलकर मनाएं चलो दिवाली....
मानव के ह्रदय भूमि
पर,
जलती रहे सदैव दिव्य प्रकाश
फिर आलैकिक होगा घरती
पर
दिव्यता का सघन आभास
मिलकर मनाएं चलो दिवाली….
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दीपावली की सभी मित्र बंधुओ को हार्दिक
शुभकामनाएं
महेश्वरी कनेरी