स्वागत नववर्ष
पन्ने पलटते गए
दिन बदलता रहा
तारीखें बदलने लगी
और साल बदल गया
बीता वर्ष यादें बन गई
कुछ खट्टी ,कुछ मीठी
हर पल इतिहास बन
ज़हन में सिमटने लगे
फिर नई- नई बात
नई सी शुरुवात
आशाएं पनपने लगी
स्वप्न बुनने लगे
उम्मीदें जाग उठी
मन खिलने लगा
नई सुबह, नया उजियारा
स्वागत- स्वागत
नव वर्ष तुम्हारा
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महेश्वरी कनेरी