abhivainjana


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Thursday, 17 November 2016

नव भारत





न लाठी चली न आवाज हुई 
मगर नोट पर चोट करारी है 
सोच समझ कर खामोशी से 
की गई ये तैयारी है

संभल जाओ ये  गद्दारो 
 जाने अब किसकी बारी है 
बज उठा बिगुल नव भारत का 

देश बदलने की तैयारी है 
*****
महेश्वरी कनेरी