ज़रा अज़मां कर देखिए
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बहुत कुछ बाकी है अभी,ज़रा अज़मां कर देखिए
जिन्दगी के हर रंग को जरा पास जाकर देखिए
अफ़सोस न होगा कभी उम्र के गुजर जाने की
कभी बच्चों के संग बच्चा बन कर तो देखिए
छोड़ खामोशी और तन्हाई के इस आलम को
कभी आसमां को सिर पर उठा कर तो देखिए
अपने दुःख-दर्द को भूल जाना चाहो अगर
तो किसी दुखी को गले से लगाकर तो देखिए
इतनी मासूमियत से कभी खुद को न देखिए
जब भी आईना देखे तो मुस्कुरा कर ही देखिए
खुशबू चमन में फैलाना चाहो अगर कभी
बस एक फूल को ज़रा हँसा कर तो देखिए
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महेश्वरी कनेरी