मन में उठने वाले हर भाव हर अह्सास को शब्दों में बाँध, उन्हें सार्थक अर्थों में पिरोकर एक नया आयाम देना चाह्ती हूँ । भावनाओ के इस सफर में मुझे कदम-कदम पर सहयोगी मित्रों की आवश्यकता होगी.. आपके हर सुझाव मेरा मार्ग दर्शन करेंगे...
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Thursday 30 June 2011
Saturday 25 June 2011
हर बार परीक्षा लेती है जिन्दगी………
Saturday 11 June 2011
हे राह बटोही ...
हे राह बटोही , तू चलता चल |
हे राह बटोही , तू चलता चल
जब तक साँस चले, तू चलता चल
रूप बदल- बदल, जग तूझे भरमाएगा
दृढ्ता का देख तेज़, स्वयं झुक जाएगा
नई उमंग भर मन में ,नई तरंग जगा
छाँट तंद्रा के बादल,फिर कर्म बोध जगा
सुख हो जाए बोना.दुख बन जाए बिछौना
कर लेना संधि उनसे फिर आगे बढ़ना
जीवन का सूनापन ,जब तूझे खलेगा
हर पथ पर तेरे,आशा का दीप जलेगा
टूटे हर विश्वास को, जोड़्ता चल
हे राह बटोही , तू चलता चल
जब तक साँस चले, तू चलता चल
हे राह बटोही , तू चलता चल...
Saturday 4 June 2011
ग्यारहवा पोस्ट… आभार
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