नौनिहाल. .... |
पड़ोसन के बच्चे को
मिट्टी खाते देख मैं बोली
बहन जी ! आप का बेटा
मिट्टी खा रहा है....
बहन जी बोली ,खाने दो
किसी का क्या जा रहा है
मैं फिर बोली....
मेरे बेटे को भी खिला रहा है
बहन जी बोली, तो क्या ?
मिल बाँट कर खाने की
आदत डाल रहा है
फिर कुटिल मुस्कान लिए बोली
आज ये मिट्टी खा रहे हैं
आगे चल इन्हें
बहुत कुछ खाना है
कन्ट्रेक्टर,इंजिनीयर बने तो
ईट सीमेंट लोहा सभी
इन्हीं के पेट में तो जाना है
अपना देश अपनी धरती है
घूंस खाए या कुछ और
अपना ही तो खाएंगे
मै तो कहती हूँ
बाप से एक कदम आगे बढ़ जा
और नेता बन जा
सफेद कपड़े पहन,
काले नीले धंधे करना
घोटाले पर घोटाला कर
सारा देश ही खा जाना
कह वो अंदर चली गई
पर मैं सोचती ही रह गई....
दूध की जगह बच्चों को हम ,
ये कैसी घुट्टी पिला रहे हैं ?
क्या होगा इन नौनिहालों का
जो इस माहौल में
पल बढ़ रहे हैं.........
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