मनहरण
धनाक्षरी में ...देश भक्ति गीत
तन मन
प्राण वारूँ वंदन नमन
करूँ
, गाऊँ
यशोगान सदा मातृ भूमि
के लिए ..
पावन मातृ भूमि ये , वीरों और शहीदों
की
जन्मे राम कृष्ण यहाँ हाथ सुचक्र लिए ,
ये
बेमिशाल देश है संस्कृति
भी विशेष हैं
, पूजते
पत्थर यहाँ आस्था
अनंत लिए
.शौर्य और
त्याग की भक्ति और
भाव की
, कर्म पथ
चले सभी हाथ में ध्वजा लिए .....
महेश्वरी कनेरी
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