abhivainjana


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Friday, 30 March 2012

क्षणिकाएं


                           १
 लोगों को पहले हाथ जोड़ कर, रिश्ते जोड़ते देखा है,
फिर दिल जीतकर उनका, विश्वास तोड़ते देखा है ।
 २
ये मतलब की दुनिया है, बेमतलब प्यार नही मिलता है,
मतलब का बाजा़र सजा है, बस दर्द ही दर्द बिकता है ।
 ३
कई बार भीड़ में कुछ चेहरे ,अपने से लगते हैं,
पास जाने पर वही , इतने बेगाने क्यों दिखते है ।
  ४  
खुशी की चाह में लोगों को,दर-दर भटकते देखा है,
खुशी तो अपने अंदर ही है,कभी झांक के देखा है ?
  ५
चाहो तो चेहरे पर कई चेहरे, नकाब सजालो,
लेकिन भीतर इंसानियत को कभी न मरने दो।
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  महेश्वरी कनेरी

Monday, 26 March 2012

तस्वीरे भी बोलतीं हैं



मैंने अपने ब्लांगर भाई बहनों के ब्लांग में ‘हाइगा, हाइकु’ जैसे नए प्रयोगों को देखा , मुझे बहुत अच्छा लगा । उन्हीं से प्रेरित हो कर मैंने भी एक छोटी सी कोशिश की है उम्मीद है आप पसंद करेंगे। 







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महेश्वरी कनेरी



Friday, 23 March 2012

माटी से मिली देह है


       माटी से मिली  देह है

  माटी से मिली देह है,माटी में मिल जाना है
  क्या तेरा क्या मेरा ,सब यही रह जाना है ।

 मोह माया एक जाल है,तृष्णा है भटकाव है
 तोड़ दे इस बंधन को, आगे शीतल छांव है ।   

 मन की आँखे खोल जरा ,जीवन कब अपना है
 एक नाम ही साँचा है,बाकी  सब तो सपना है ।

 खाली हाथ तू आया है, खाली हाथ ही जाना है
 क्या तेरा क्या मेरा ,सब यही रह जाना है ।

माटी से मिली देह है,माटी में मिल जाना है ।
क्या तेरा क्या मेरा ,सब यही रह जाना है ।
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महेश्वरी कनेरी




Thursday, 15 March 2012

सपने


   सपने
सोई सोई इन आँखों में ….
अकसर सपने जगा करते है
ये सपने मेरे अपने हैं.. क्यों कि..
जीवन के हर लम्हें ,इन में बसा करते हैं
कभी खुशियों का सौगात बन कर
कभी उम्मीदों की बगिया बनकर
फूल अकसर यहाँ खिला करते हैं
जीवन के हर लम्हें ,इन में बसा करते हैं…….
कभी महकते साँसों की रिदम लिए
कभी अहसासों की खुशबू बिखेरे
ये तो मौसम की तरह आया और जाया करते हैं
जीवन के हर लम्हें ,इन में बसा करते हैं……..
सोई सोई इन आँखों में
अकसर सपने जगा करते है…………..
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काफी दिनों से अस्वस्थ होने के कारण ब्लांग जगत से दूर रहना मेरी मजबूरी बन गई थी ।लेकिन बिस्तर पर लेटे-लेटे मैं आप सब को बहुत याद करती रही । देखिये मौका मिलते ही पहुँच गई न फिर….आप सभी की शुभकामनाओ से मैं अब काफी ठीक हूँ…..आभार..
महेश्वरी कनेरी......