१
लोगों को पहले हाथ जोड़ कर, रिश्ते जोड़ते देखा है,
फिर दिल जीतकर उनका, विश्वास तोड़ते देखा है ।
२
ये मतलब की दुनिया है, बेमतलब प्यार नही मिलता है,
मतलब का बाजा़र सजा है, बस दर्द ही दर्द बिकता है ।
३
कई बार भीड़ में कुछ चेहरे ,अपने से लगते हैं,
पास जाने पर वही , इतने बेगाने क्यों दिखते है ।
४
खुशी की चाह में लोगों को,दर-दर भटकते देखा है,
खुशी तो अपने अंदर ही है,कभी झांक के देखा है ?
५
चाहो तो चेहरे पर कई चेहरे, नकाब सजालो,
लेकिन भीतर इंसानियत को कभी न मरने दो।
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महेश्वरी कनेरी