गीत
वक्त के पन्नों में, मैं गीत लिख
रही हूँ
जो दर्द तुमनें दिए
वही
बिन रही हूँ…..
धड़कन में
मेरी यादें सुबक रही हैं
उन यादों को मैं ,आज लौटा रही
हूँ
वक्त के पन्नों में ,मैं गीत
लिख रही हूँ
मौसमों की तरह तुम भी बदल गए हो
देखा न मुड़के कभी ,मैं वही की
वही हूँ
वक्त के
पन्नों में ,मै
गीत लिख रही
हूँ
दो कदम ही चले
थे, फिर खो गए तुम
राह सूनी मगर ,मैं तो चल रही
हूँ
वक्त के पन्नों में , मैं
गीत लिख रही हूँ
***********
महेश्वरी कनेरी
बहुत सुन्दर गीत.....
ReplyDeleteवक्त के पन्नों में, मैं गीत लिख रही हूँ
जो दर्द तुमनें दिए वही बिन रही हूँ…
बहुत बढ़िया ..
सादर
अनु
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (28-03-2014) को "जय बोलें किसकी" (चर्चा अंक-1565) "अद्यतन लिंक" पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सादर आभार आप का....
Deleteआपकी लिखी रचना शनिवार 29 मार्च 2014 को लिंक की जाएगी...............
ReplyDeletehttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in
आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
आभार यशोदा जी.....
Deleteअरे वाह हलचल चल पड़ी :)
Deleteबहु सुन्दर अहसासों सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteलेटेस्ट पोस्ट कुछ मुक्तक !
शब्द कहें मन की सब बातें,
ReplyDeleteस्मृतियों की सुन्दर पातें।
bahut hee marmik panktiyaan
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत.
ReplyDeleteनई पोस्ट : सिनेमा,सांप और भ्रांतियां
सुंदर गीत :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत...
ReplyDeletehttp://mauryareena.blogspot.in/
बहुत सुंदर भाव..
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत रचना दीदी लिखी आप
ReplyDeleteसादर
बहुत हि सुदर , आदरणीय धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत सुंदर ..... शब्दों से रिश्ता बना रहे .....
ReplyDeletemn ke bhaw shabdon ke moti bn chhalak rahe hain ....sundar geet .....
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी रचना !
ReplyDeleteबहुत महीन सी भावों को समेटा ह आपने इस रचना में , पढ कर अच्छा लगा..
ReplyDeleteसंजय भास्कर
शब्दों की मुस्कराहट
http://sanjaybhaskar.blogspot.in
बहुत बहुत ही सुन्दर लिखा है.. बधाई..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत आदरणीया
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी रचना...
ReplyDeleteआपकी कविता बहुत ही अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
ReplyDeletemere hriday ko chhu gai....
ReplyDeleteshubhkamnayen