abhivainjana


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Saturday, 8 February 2014

गज़ल


गज़ल
बादलों का धूप पर आज पहरा हुआ है
उदासी का सबब और गहरा हुआ है
 
वक्त से कह दो ज़्ररा ठहर जाए यही पर
मौसम यहाँ खुशनुमा हुआ है
 
अज़ब दुनिया का ये बाजार सजा है
हर रिश्ता यहाँ बिका हुआ है
 
रात की स्याही से लिखी थी दर्दे-दास्तां
निशां जख्मों का और गहरा हुआ है
 
हालात देश की मत पूछो तो अच्छा है
इंसान यहाँ इंसान से डरा हुआ है
 
देख खुशनुमा ये मंज़र हैरान हूँ नैं
एक फूल से सारा चमन महका हुआ है
 ************
महेश्वरी कनेरी
गजल लिखने का ये मेरा पहला प्रयास है .. हो सकता है बहुत कमियाँ होंगी क्यों कि मुझे अभी शेर क़ो  “बहर” में बाँधना नही आता सीख रही हूँ.
                              धन्यवाद

 

27 comments:

  1. बहुत सुंदर ग़ज़ल...!!!
    सब लाइने एक से बढ़ के एक अच्छा .... बहुत बहुत बधाई ...!

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  2. बहुत खूबसूरत गजल महेश्वरी जी ,खूबसूरत कोशिश की है आपने....बहुत खूब.....

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  3. बहुत अच्छे एहसास हैं दी.....लिखते रहे....बहर में आयेगी खुद-ब-खुद...

    सादर
    अनु

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  4. हालात देश की मत पूछो तो अच्छा है
    इंसान यहाँ इंसान से डरा हुआ है
    ...बहुत उम्दा अहसास...बहुत सुन्दर

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  5. बहुत सुन्दर भाव आदरणीया

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  6. देख खुशनुमा ये मंज़र हैरान हूँ नैं
    एक फूल से सारा चमन महका हुआ है

    बहुत सुंदर अहसासों से सजी गजल...

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  7. हालात देश की मत पूछो तो अच्छा है
    इंसान यहाँ इंसान से डरा हुआ है

    प्रभावी ...... प्रासंगिक भाव ..

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  8. अज़ब दुनिया का ये बाजार सजा है
    हर रिश्ता यहाँ बिका हुआ है

    sabhi sher bdhiya lge ....bhar vhar ko chodiye yun hi likhte rahiye .....

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  9. हर एक शेर उम्दा और लाजवाब
    सादर !

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  10. हालात देश की मत पूछो तो अच्छा है
    इंसान यहाँ इंसान से डरा हुआ है ...
    बहुत ही लाजवाब शेर ... आज के हालात का सही जायजा लिया है ...

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  11. लाजबाब,बेहतरीन गजल ...! प्रयास के बधाई ,,,,महेश्वरी जी ....
    RECENT POST -: पिता

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  12. आप तो बहुत अच्छा लिखती हैं .....मुझे तो कुछ भी नही आता ,,जो दिल में आता है वो लिख देता हूँ ....
    मुबारक हो ....शुभकामनायें भविष्य के लिए !

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  13. अज़ब दुनिया का ये बाजार सजा है
    हर रिश्ता यहाँ बिका हुआ है


    bahut achhe bhaav liye achi rachna

    shubhkamnayen

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  14. देख खुशनुमा ये मंज़र हैरान हूँ नैं
    एक फूल से सारा चमन महका हुआ है
    bahut khoob
    badhai
    rachana

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  15. रोचक पोस्ट। मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रंण है। धन्यवाद।

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  16. अज़ब दुनिया का ये बाजार सजा है
    हर रिश्ता यहाँ बिका हुआ है
    waaah ! bahut khuub !!

    ghazal bahut umdaa hai.

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  17. बढ़िया प्रयास , उम्मीद है अगली और बढ़िया होगी !! मंगलकामनाएं आपको !

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  18. हालात देश की मत पूछो तो अच्छा है
    इंसान यहाँ इंसान से डरा हुआ है ...
    ....................बहुत ही लाजवाब शेर

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