abhivainjana


Click here for Myspace Layouts

Followers

Wednesday, 10 July 2013

ये कैसा सावन..

ये कैसा सावन..
नील गगन
धरती मगन
बरसता सावन
अति मनभावन
हर्षित मन हुआ चन्दन
नाचे तन मन
भीगा आँगन
खिला मन-उपवन
बहे निर्मल पवन
टूटा यादों का बंधन
मन हुआ क्रंदन
लाख किया जतन
माने वियोगी मन

ये कैसा सावन..?
********
महेश्वरी कनेरी

28 comments:

  1. बाहर भी सावन,भीतर भी सावन....

    सुन्दर रचना..
    सादर
    अनु

    ReplyDelete
  2. सावन में मन का भीगना ..
    सुन्दर कविता.

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर रचना, आभार

    यहाँ भी पधारे
    http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_8.html

    ReplyDelete
  4. बेहद सुंदर रचना.

    रामराम.

    ReplyDelete
  5. आनन्द बरसाता सावन..सुन्दर पंक्तियाँ..

    ReplyDelete
  6. बहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति
    सादर

    ReplyDelete
  7. बहुत भावपूर्ण रचना...

    ReplyDelete
  8. पिया बिना सूखा सावन.........बहुत सुन्दर ।

    ReplyDelete
  9. सुंदर भाव सजाये है ......
    शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  10. कोमल भावो की और मर्मस्पर्शी.. अभिवयक्ति ....

    ReplyDelete
  11. बहुत सुंदर भाव से भरे सावन गीत.... सुंदर रचना ...

    ReplyDelete
  12. मनभावन रचना ...

    ReplyDelete
  13. बहुत सुन्दर रचना | बधाई

    ReplyDelete
  14. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11/07/2013 के चर्चा मंच पर है
    कृपया पधारें

    ReplyDelete
  15. टूटा यादों का बंधन
    मन हुआ क्रंदन
    लाख किया जतन
    माने न वियोगी मन
    bahut hi khoobsoorat rachana lagi ......aabhar maheshwri ji .

    ReplyDelete
  16. बहुत सुंदर, अच्छी रचना
    क्या बात



    कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री असली चेहरा : पढिए रोजनामचा
    http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/07/like.html#comment-form

    ReplyDelete
  17. वाह !!! बहुत उम्दा,सुंदर सावन मनभावन, लाजबाब प्रस्तुति,,,

    ReplyDelete
  18. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  19. बहुत खूब ... ये सावन ऐसे ही आग लगाता है ...
    बहुत कुछ समेट के लिख दिया इस सुन्दर गीत में ...

    ReplyDelete
  20. सावन तो सावन है बरसेगा...दिल दीवाना फिर भी तरसेगा...

    ReplyDelete
  21. कुछ सिखाती समझाती कविता...... बहुत सुंदर भाव

    ReplyDelete
  22. आभार कुलदीप जी....

    ReplyDelete
  23. सावन कैसा ही क्यों न हो, दिल में रुमानी जज़्बात तो पैदा कर ही देता है...

    ReplyDelete
  24. ये कैसा सावन..
    नील गगन
    धरती मगन
    बरसता सावन
    अति मनभावन

    bahut khoob ....!!

    ReplyDelete
  25. बहुत सुंदर …साव्न की जैसे
    आपको समर्पित .........

    ये कैसा सावन
    उलझाये मन
    बढाये तपन
    महकी पवन
    न लाया साजन
    ये कैसा सावन
    - शिखा

    ReplyDelete
  26. कोमल भाव लिए भावपूर्ण अभिव्यक्ति..

    ReplyDelete