मन में उठने वाले हर भाव हर अह्सास को शब्दों में बाँध, उन्हें सार्थक अर्थों में पिरोकर एक नया आयाम देना चाह्ती हूँ । भावनाओ के इस सफर में मुझे कदम-कदम पर सहयोगी मित्रों की आवश्यकता होगी.. आपके हर सुझाव मेरा मार्ग दर्शन करेंगे...
बाहर भी सावन,भीतर भी सावन....सुन्दर रचना..सादरअनु
सावन में मन का भीगना ..सुन्दर कविता.
बहुत सुंदर रचना, आभार यहाँ भी पधारे http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_8.html
बेहद सुंदर रचना.रामराम.
आनन्द बरसाता सावन..सुन्दर पंक्तियाँ..
बहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति सादर
बहुत भावपूर्ण रचना...
पिया बिना सूखा सावन.........बहुत सुन्दर ।
सुंदर भाव सजाये है ......शुभकामनायें!
कोमल भावो की और मर्मस्पर्शी.. अभिवयक्ति ....
बहुत सुंदर भाव से भरे सावन गीत.... सुंदर रचना ...
मनभावन रचना ...
बहुत सुन्दर रचना | बधाई
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11/07/2013 के चर्चा मंच पर है कृपया पधारें
आभार..आप का..
टूटा यादों का बंधनमन हुआ क्रंदनलाख किया जतनमाने न वियोगी मन bahut hi khoobsoorat rachana lagi ......aabhar maheshwri ji .
बहुत सुंदर, अच्छी रचनाक्या बातकांग्रेस के एक मुख्यमंत्री असली चेहरा : पढिए रोजनामचाhttp://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/07/like.html#comment-form
वाह !!! बहुत उम्दा,सुंदर सावन मनभावन, लाजबाब प्रस्तुति,,,
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बहुत खूब ... ये सावन ऐसे ही आग लगाता है ... बहुत कुछ समेट के लिख दिया इस सुन्दर गीत में ...
सावन तो सावन है बरसेगा...दिल दीवाना फिर भी तरसेगा...
वाह
कुछ सिखाती समझाती कविता...... बहुत सुंदर भाव
आभार कुलदीप जी....
सावन कैसा ही क्यों न हो, दिल में रुमानी जज़्बात तो पैदा कर ही देता है...
ये कैसा सावन..नील गगनधरती मगनबरसता सावनअति मनभावनbahut khoob ....!!
बहुत सुंदर …साव्न की जैसे आपको समर्पित ......... ये कैसा सावन उलझाये मन बढाये तपन महकी पवन न लाया साजन ये कैसा सावन - शिखा
कोमल भाव लिए भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
बाहर भी सावन,भीतर भी सावन....
ReplyDeleteसुन्दर रचना..
सादर
अनु
सावन में मन का भीगना ..
ReplyDeleteसुन्दर कविता.
बहुत सुंदर रचना, आभार
ReplyDeleteयहाँ भी पधारे
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_8.html
बेहद सुंदर रचना.
ReplyDeleteरामराम.
आनन्द बरसाता सावन..सुन्दर पंक्तियाँ..
ReplyDeleteबहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसादर
बहुत भावपूर्ण रचना...
ReplyDeleteपिया बिना सूखा सावन.........बहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteसुंदर भाव सजाये है ......
ReplyDeleteशुभकामनायें!
कोमल भावो की और मर्मस्पर्शी.. अभिवयक्ति ....
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव से भरे सावन गीत.... सुंदर रचना ...
ReplyDeleteमनभावन रचना ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना | बधाई
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11/07/2013 के चर्चा मंच पर है
ReplyDeleteकृपया पधारें
आभार..आप का..
Deleteटूटा यादों का बंधन
ReplyDeleteमन हुआ क्रंदन
लाख किया जतन
माने न वियोगी मन
bahut hi khoobsoorat rachana lagi ......aabhar maheshwri ji .
बहुत सुंदर, अच्छी रचना
ReplyDeleteक्या बात
कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री असली चेहरा : पढिए रोजनामचा
http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/07/like.html#comment-form
वाह !!! बहुत उम्दा,सुंदर सावन मनभावन, लाजबाब प्रस्तुति,,,
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ReplyDeleteबहुत खूब ... ये सावन ऐसे ही आग लगाता है ...
ReplyDeleteबहुत कुछ समेट के लिख दिया इस सुन्दर गीत में ...
सावन तो सावन है बरसेगा...दिल दीवाना फिर भी तरसेगा...
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteकुछ सिखाती समझाती कविता...... बहुत सुंदर भाव
ReplyDeleteआभार कुलदीप जी....
ReplyDeleteसावन कैसा ही क्यों न हो, दिल में रुमानी जज़्बात तो पैदा कर ही देता है...
ReplyDeleteये कैसा सावन..
ReplyDeleteनील गगन
धरती मगन
बरसता सावन
अति मनभावन
bahut khoob ....!!
बहुत सुंदर …साव्न की जैसे
ReplyDeleteआपको समर्पित .........
ये कैसा सावन
उलझाये मन
बढाये तपन
महकी पवन
न लाया साजन
ये कैसा सावन
- शिखा
कोमल भाव लिए भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
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