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Tuesday 28 May 2013

ज़रा अज़मां कर देखिए ...




ज़रा अज़मां कर देखिए


बहुत कुछ बाकी है अभी,ज़रा अज़मां कर देखिए

जिन्दगी के हर रंग को जरा पास जाकर देखिए

अफ़सोस न होगा कभी उम्र के गुजर जाने की

कभी बच्चों के संग बच्चा बन कर तो देखिए

छोड़ खामोशी और तन्हाई के इस आलम को

कभी आसमां को सिर पर उठा कर तो देखिए

अपने दुःख-दर्द को भूल जाना चाहो अगर

तो किसी दुखी को गले से लगाकर तो देखिए

इतनी मासूमियत से कभी खुद को न देखिए

जब भी आईना देखे तो मुस्कुरा कर ही देखिए

खुशबू चमन में फैलाना चाहो अगर कभी

बस एक फूल को ज़रा हँसा कर तो देखिए

***************

महेश्वरी कनेरी 



44 comments:

  1. अफ़सोस न होगा कभी उम्र के गुजर जाने की

    कभी बच्चों के संग बच्चा बन कर तो देखिए

    वह क्या बात है

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  2. आशा की डोर थामे हर जीव चलता है
    सच कहा आपने

    इतनी मासूमियत से कभी खुद को न देखिए
    जब भी आईना देखे तो मुस्कुरा कर ही देखिए

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  3. बहुत सुंदर भाव लिए हुए... आसमां को सर पर उठा कर देखिए... सादर

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  4. बहुत सुन्दर..मन को छूती हुयी।

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  5. मुस्कुराने से खुद को ही अच्छा लगता है...
    बहुत अच्छी .....

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  6. कभी बच्चों के संग बच्चा बन कर तो देखिए

    जीवन जीने के उजलेपन को व्यक्त करती रचना
    सार्थक पहल
    सादर

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  7. खुशबू चमन में फैलाना चाहो अगर कभी
    बस एक फूल को ज़रा हँसा कर तो देखिए
    वाह .... बहुत ही अनुपम भाव
    सादर

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  8. बहुत ही सुन्दर और सार्थक रचना की प्रस्तुति,आभार.

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  9. अपने दुःख-दर्द को भूल जाना चाहो अगर
    तो किसी दुखी को गले से लगाकर तो देखिए
    आपका पोस्ट तो सारे दुख भुला देता है *दीदी*
    सादर !!

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  10. वाह वाह बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति

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  11. बहुत प्यारी....कोमल,निश्छल सी रचना...

    सादर
    अनु

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  12. खुशबू चमन में फैलाना चाहो अगर कभी
    बस एक फूल को ज़रा हँसा कर तो देखिए,,,

    वाह !!! बहुत बेहतरीन सुंदर गजल ,,

    RECENT POST : बेटियाँ,

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  13. जिन्दगी जीने की कला समझाती सुंदर रचना ....
    आभार!

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  14. बहुत बढ़िया आंटी


    सादर

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  15. अफ़सोस न होगा कभी उम्र के गुजर जाने की

    कभी बच्चों के संग बच्चा बन कर तो देखिए

    शानदार प्रस्तुति

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  16. अफ़सोस न होगा कभी उम्र के गुजर जाने की

    कभी बच्चों के संग बच्चा बन कर तो देखिए--जीवन में हर हाल में खुश रहने की कला का सन्देश देती रचना

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  17. बहुत सुन्दर लिखा है माहेश्वरी जी... आप देहरादून से है .. सादर नमन

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  18. अपने दुःख-दर्द को भूल जाना चाहो अगर

    तो किसी दुखी को गले से लगाकर तो देखिए......वाकई बहुत सुकून मिलता है

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  19. प्रत्येक शेर जीवन को आनंदमय रखने के मंत्र दे रहा है. वाह !!!!!!!!

    अपने दुःख-दर्द को भूल जाना चाहो अगर

    तो किसी दुखी को गले से लगाकर तो देखिए

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  20. निसंदेह बहुत ही सुन्दर भाव..

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  21. बहुत सुन्दर विचारों को व्यक्त किया आपने .......

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  22. वाह .... बहुत ही अनुपम भाव

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  23. सुंदर एवं भावपूर्ण सार्थक अभिव्यक्ति...

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  24. सच्ची बात है जी .....बच्चों का साथ हर गम भुला देता है

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  25. सचमुच बच्चों के साथ बच्चा बन जाना भुला देता है हर परेशानी को... बहुत सुखद अहसास देता है... अनुपम प्रस्तुति... आभार

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  26. बहुत लाजबाब अभिव्यक्ति ,,आभार

    Recent post: ओ प्यारी लली,

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  27. अपने दुःख-दर्द को भूल जाना चाहो अगर
    तो किसी दुखी को गले से लगाकर तो देखिए

    सही है, सुखमय जीवन का सहज सत्य।

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  28. कभी बच्चों के संग बच्चा बन कर तो देखिए.

    बहुत कुछ सिखाती है जिंदगी. सुंदर प्रस्तुति.

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  29. खुशबू चमन में फैलाना चाहो अगर कभी

    बस एक फूल को ज़रा हँसा कर तो देखिए

    ....बहुत सुन्दर भावपूर्ण और प्रेरक अभिव्यक्ति....

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  30. अपने दुःख-दर्द को भूल जाना चाहो अगर
    तो किसी दुखी को गले से लगाकर तो देखिए

    bahut sunder bhaav liye hue hai aapki rachna, ek ek shabd jeevan sangeet liye.

    shubhkamnayen

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  31. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ..... बच्चों के संग बच्चा बन मन भी निश्छल हो जाता है ।

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  32. बहुत सुन्दर भाव..आभार..

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  33. सुंदर...
    बधाई आपको

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  34. शिवनाथ कुमार has left a new comment on post "ज़रा अज़मां कर देखिए ...":

    दूसरों को ख़ुशी बाँटते चलना चाहिए
    जीवन का आनंद दुगुना हो जाता है
    सादर आभार!

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  35. बहुत ही प्रेरक और भावपूर्ण रचना, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  36. उत्साह का नया रंग है यहाँ तो
    आनंद से भरपूर

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  37. प्रेरणात्‍मक पंक्तियां

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  38. सन्देशप्रद भाव...

    खुशबू चमन में फैलाना चाहो अगर कभी
    बस एक फूल को ज़रा हँसा कर तो देखिए

    बधाई.

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  39. अफ़सोस न होगा कभी उम्र के गुजर जाने की
    कभी बच्चों के संग बच्चा बन कर तो देखिए....
    बहुत सुन्दर भाव ,आभार

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  40. सुन्दर भाव...बहुत अच्छी रचना...बहुत-बहुत बधाई...

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