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Sunday, 19 May 2013

हम भी चुनौती बन गए ज़माने के लिए…..( मेरी १००वी पोस्ट )


                   मेरी  १००वी  पोस्ट 

         हम भी चुनौती बन गए ज़माने के लिए…..


 दर्द का सैलाब बन कर उठा

हमें मिटाने के लिए

हम भी चुनौती बन गए

ज़माने के लिए…..

वक्त की हर चाल हम पर

तिरछी पड़ती रही

हादसे पर हादसे होते रहे

हमें झुकाने के लिए

हम भी चुनौती बन गए

ज़माने के लिए…..

आँसू पीकर भी हम मुस्काते रहे

खुशी का ज़ज्बा जुटाते रहे

पता था वो तो जि़द्द में बैठे थे

हमें रुलाने के लिए

हम भी चुनौती बन गए

ज़माने के लिए…..

रास्ते और भी तो हैं

हम तो साथ चले थे सिर्फ

साथ निभाने के लिए

हम भी चुनौती बन गए

ज़माने के लिए…..

सुना था बंद मुठ्ठी लाख की

खुली तो खाक की

हमने तो मुट्ठी खोली ही नहीं

खुद को भरमाने के लिए

हम भी चुनौती बन गए

ज़माने के लिए…..

सब कुछ नही मिलता ज़माने में

जो मिला माथे से लगा लिया

बस थोडी सी दुआ चाहिए

जि़न्दगी बिताने के लिए

हम भी चुनौती बन गए

ज़माने के लिए……..

*************

आज मैं अपनी १००वी  पोस्ट  प्रकाशित करते हुए आप सब के प्रति आभारी हूँ..आप सब की 

शुभकामनाएं  प्यार और स्नेह के कारण मुझे ऐसा सुअवसर मिला..आगे भी ऐसे ही अपना स्नेह 

बनाए रखना...


महेश्वरी कनेरी 

36 comments:

  1. १००वी पोस्ट की हार्दिक बधाई... सृजन का सफ़र यूँ ही निरंतर जारी रहे... शुभकामनायें....

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  2. जी, बहुत बहुत शुभकामनाएं,
    अच्छी रचना

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  3. इतनी सुन्दर १००वी पोस्ट के लिए तहेदिल से बधाई आपको |इसी प्रकार लिखती रहें ऐसी कामना के साथ |
    आशा

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  4. सुना था बंद मुठ्ठी लाख की
    खुली तो खाक की
    हमने तो मुट्ठी खोली ही नहीं
    खुद को भरमाने के लिए
    मेरी सच्चाई आपकी खूबसूरत लेखनी
    100वीं पोस्ट के लिए बहुत-बहुत बधाई दीदी
    और
    ढेरों शुभकामनायें आने वाले अनगिनत रचनाओं के लिए
    सादर

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  5. जूझते रहना पड़ेगा, हमें हर समय।

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  6. 100 वीं पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई !!मेरी शुभकामना आपके साथ है....

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  7. १००वी पोस्ट की हार्दिक बधाईयां.

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  8. थोडी सी दुआ ही नहीं आसमान जितना दुआ है..शुभकामनायें..

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  9. शानदार शतक ....खूब सारी दुआ और ..ढेर सारी शुभकामनायें .....!!

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  10. बहुत सुंदर रचना, 100 वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई.

    रामराम.

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  11. ज़माने के लिए चुनौती....
    बधाई 100 वीं पोस्ट के लिए...
    लेखनी चलती रहे अनवरत....

    शुभकामनाएं.

    सादर
    अनु

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  12. खूबसूरत सोच .......१००वीं पोस्ट की बधाई

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  13. बहुत ही सुन्दर और प्रेरक अभिव्यक्ति। ऐसे ही और कई सारे नाबाद शतकों की कामना है हम सभी को ..
    सादर
    मधुरेश

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  14. हार्दिक बधाई ....प्रेरक पोस्ट

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  15. माहेश्वरी जी, आपके इस विश्वास को देखकर अभिभूत हूँ..बहुत बहुत बधाई और स्नेह भरी शुभकामनायें !

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  16. 'चुनौती'एक प्रेरक एवं अनुकरणीय सलाह है सभी को इसका साहस पूर्वक सामना करना चाहिए। आपको आपके साहस एवं सौवीं पोस्ट के लिए हार्दिक शुभकामनायें। बरेली के दौरान (भाग-3)---विजय राजबली माथुर

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  17. बहुत बहुत बधाई आंटी


    सादर

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  18. १०० वीं रचना के लिए बहुत बहुत बधाई. उम्दा कलम को नमन...

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  19. बहुत - बहुत बधाई .... सहित अनंत शुभकामनाएं

    सादर

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  20. बहुत बधाई माँ सरस्वती की कृपा बनी रहे .

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  21. हादसे पर हादसे होते रहे

    हमें झुकाने के लिएwaah jhukaya usi ko jata hai jo uncha uthta ho .....badhai ....100 wi post ke liye kaneri jee ...

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  22. 100 ve post ke liye bahut bahut badhaiyan ...ye karvan bahut door tak jaaye yahi shubhkamnaye hai ...

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  23. बहुत सुंदर .बेह्तरीन अभिव्यक्ति शुभकामनायें.

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  24. हाय...मैं इतनी देर से क्यूँ आई यहाँ...इतनी प्यारी कविता और पहले पढ़ना था...आप यूँ ही चुनौती बनी रहें दी...ताकि हम दो सौंवीं पोस्ट की बधाई दे सकें...बहरहाल सौवीं पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई !!

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  25. १०० वी पोस्ट की हार्दिक बधाई...
    लेखन का सफ़र निरंतर जारी रहे.बहुत२ शुभकामनायें...

    Recent post: जनता सबक सिखायेगी....

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  26. बहुत अच्छी प्रस्तुति....१०० वी पोस्ट की बहुत बहुत बधाई...

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  27. दर्द का सैलाब बन कर उठा
    हमें मिटाने के लिए
    हम भी चुनौती बन गए
    ज़माने के लिए…..----

    वाह शतकीय पोस्ट पर सार्थक चेतावनी

    १ ० ० वीं पोस्ट पर बधाई और शुभकामनायें
    कामना है सृजन की यह अनुभूति सदैव बरक़रार रहे
    सादर

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  28. वाह ...
    बधाई स्वीकारें !
    आप आदर योग्य हैं !

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  29. मानव जीवन चुनौतियों से भरी है
    और इन चुनौतियों का सामना तो करना ही पड़ता है
    बहुत ही सार्थक और प्रभावकारी
    सादर !

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  30. 100वी पोस्ट की बहुत बहुत बधाई
    और बहुत ही अच्छी रचना।

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  31. बहुत सुन्दर...१००वीं पोस्ट की बधाई और शुभकामनायें!

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  32. सच कहा है चुनौती का सामना करना से समस्या का समाधान निकलता है.

    सुंदर रचना

    शुभकामनायें

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  33. हम भी चुनौती बन गए

    ज़माने के लिए…..

    वाह!
    सौवीं पोस्ट की बधाई!

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