“ दिल दिया है जां भी देंगे ऎ वतन तेरे लिए “
सच्चा समाज सेवक श्री अन्ना हजारे का आमरण अनशन का आज चौथा दिन है. देश के कोने-कोने से आवाज़ बुलन्द है –“ अन्ना हम तुम्हारे साथ हैं .अन्ना के करो या मरो के नारे ने एक बार फिर स्वत्रंता आन्दोलन की याद दिला दी उस वक्त सारा देश एक जुट होकर गांधी जी के साथ आवाज से आवाज मिला रहा था-“ अंग्रेजो, भारत छोड़ो “ इतने साल बा्द फिर वही लहर वही जज्बा वही जुनून देखने को मिल रहा है. आज बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर नागरिक हर गली मोहल्ला भ्रष्टाचार के गर्त से निकलना चाहता है. बुलंद होती जन-जन की आवाज सरकार नक्कार नहीं सकती उसे तो घुटने टेकना ही पड़ेगा . जय भारत…
मांगें मान ली गयी हैं और अनशन अब समाप्त हो गया है. देखिये आगे क्या होता है.
ReplyDeleteमैं निराशावादी नहीं हूँ पर भारत की दशा पर कभी-कभी क्षोभ होता है. हालात सुधरने का इंतज़ार वर्षों से कर रहा हूँ पर कुछ ख़ास नहीं बदल रहा. उन्नति जो हुई भी है तो बस बाहरी ही है. अभी भी लोग भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं को तरसते हैं. देश की पचास प्रतिशत जनता के पास एक प्रतिशत से भी कम पूंजी है और दस प्रतिशत लोग 90 प्रतिशत पूंजी के स्वामी बने हुए हैं.