abhivainjana


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Monday, 4 April 2011

 
  या कुन्देन्तुषारहारधवला या शुभ्रवस्तावृता,
        या वीणावरदंड्मंडिततकरा या श्वेतपद्मासाना

3 comments:

  1. ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है.
    आशा है आपकी 'अभिव्यंजना' से सभी के मन अनुरक्त होंगें.

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ...!

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  3. माँ सरस्वती की वन्दना के इन स्वरों मेरा भी लघु स्वर स्वीकार हो ..
    शुभ कामनाएं !!!

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