मन में उठने वाले हर भाव हर अह्सास को शब्दों में बाँध, उन्हें सार्थक अर्थों में पिरोकर एक नया आयाम देना चाह्ती हूँ । भावनाओ के इस सफर में मुझे कदम-कदम पर सहयोगी मित्रों की आवश्यकता होगी.. आपके हर सुझाव मेरा मार्ग दर्शन करेंगे...
“ या कुन्देन्तुषारहारधवला या शुभ्रवस्तावृता, या वीणावरदंड्मंडिततकरा या श्वेतपद्मासाना
ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है.आशा है आपकी 'अभिव्यंजना' से सभी के मन अनुरक्त होंगें.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!सूचनार्थ...!
माँ सरस्वती की वन्दना के इन स्वरों मेरा भी लघु स्वर स्वीकार हो ..शुभ कामनाएं !!!
ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है.
ReplyDeleteआशा है आपकी 'अभिव्यंजना' से सभी के मन अनुरक्त होंगें.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ...!
माँ सरस्वती की वन्दना के इन स्वरों मेरा भी लघु स्वर स्वीकार हो ..
ReplyDeleteशुभ कामनाएं !!!