मंगल भवन अमंगल हारी,
दॄवहुसु दशरथ अजिर बिहारि ॥
चैत्र शुक्ल नवमी धार्मिक दृष्टि से विशेष रुप से महत्वपूर्ण माना जाता है ।आज के ही दिन तेत्रा युग रघुकुल शिरोमणि महाराज दशरथ एवं महारानी कौशल्या के यहां अखिल ब्रह्मांड़ नायक अखिलेश ने पुत्र के रुप में जन्म लिया। राम जन्म के कारण ही चैत्र शुक्ल नवमी को रामनवमी कहा जाता है। .राम नवमी के दिन ही गोस्वामी तुलसीदास का राम चरित्रमानस की रचना का श्रीगणेश हुआ था।
राम चन्द्र जी सदाचार के प्रतीक है इसी लिए इन्हें"मर्यादा पुरूषोतम” तथा “ विग्रह्वान धर्म " कहा गया है । वनवास के समय एक दिन भगवान श्रीराम शास्त्र सम्मत नीति के विषय में बात करते हुए सीता और लक्ष्मण से कहते है “जीवन अमूल्य है,पर यह क्षण भंगुर भी है इस लिए जीवन का एक-एक पल सत्कर्मो में सदुपयोग करना चाहिए ,तभी इस क्षण भंगुर जीवन की सार्थकता है “श्रीराम आगे कहते है, “सत्य का पालन सभी सत्कर्मो में प्रमुख है सत्य में समस्त धर्म,समस्त जग प्रतिष्ठित है।.इस लोक में सत्य बोलने वाला मनुष्य परम धाम को प्राप्त होता है.इस जग में सत्य ही ईश्वर है सत्य से बढ़ कर दूसरा कोई परम पद नहीं” ।
रामनवमी के पावन पर्व को पूरे भारतवर्ष में सभी भक्त जन अपनी- अपनी श्रद्धानुसार बडी घूम घाम से मनाते है इस दिन मन्दिरों को सजाते है , पाठ पूजा ,भजन , कीर्तन करते हैं तथा देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु उनके जन्म स्थली अयोध्या में प्रतिवर्ष दर्शन करने आते हैं तथा अयोध्या की सरयू नदी के तट पर प्रात:काल से ही स्नान कर मंदिरों में दर्शन तथा पूजन करते हैं। जगह-जगह संतों के प्रवचन, भजन, कीर्तन चलते रहते हैं।
सभी को राम नवमी की हार्दिक बधाई…
आओ हम अपने देश में फिर से राम राज्य लाने के लिएअपने कदम आगे बढ़ाए ।
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ReplyDeleteॐ
ReplyDeleteआदरणीया माहेश्वरी कानेरी जी
सादर प्रणाम !
नेट भ्रमण करते हुए अचानक आपके यहां पहुंच कर हार्दिक प्रसन्नता है … आशा है , आवागमन होता रहेगा अब ।
रामराज्य लाने के लिए हमें अनवरत अथक प्रयत्न करने होंगे…
बहुत सुंदर , सार्थक और उपयोगी आलेख के लिए आभार एवम् बधाई !
* श्रीरामनवमी की शुभकामनाएं ! *
साथ ही…
*नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !*
नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !
पल प्रतिपल हो हर्षमय, पथ पथ पर उत्कर्ष !!
चैत्र शुक्ल शुभ प्रतिपदा, लाई शुभ संदेश !
संवत् मंगलमय ! रहे नित नव सुख उन्मेष !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार