मन में उठने वाले हर भाव हर अह्सास को शब्दों में बाँध, उन्हें सार्थक अर्थों में पिरोकर एक नया आयाम देना चाह्ती हूँ । भावनाओ के इस सफर में मुझे कदम-कदम पर सहयोगी मित्रों की आवश्यकता होगी.. आपके हर सुझाव मेरा मार्ग दर्शन करेंगे...
बहुत सुंदर !
बहुत मर्मस्पर्शी रचना...
हृदयस्पर्शी रचना ....!!
मन को छूती रचना |आशा
ढ़ूँढ़ सा, एक पेड़दोनों हीअपने अकेलेपनका दर्द बाँटते औरघंटों बतियाते...............बहुत मर्मस्पर्शी रचना !!
बढ़िया है दीदी-आभार आपका-
एकांत की पीड़ा को व्यक्त करती पंक्तियाँ
आभार शास्त्री ' जी आप का..
उफ़इस उदासी को कोई समझ भी पाए तो वो भी बहुत हैबहुत खूबसूरत रचना मैममनन को छूती हुई..
बहुत गहन और सुन्दर |
बेहद गहन व सार्थक प्रस्तुति।।।
अकेलापन बातें करता है खुद से क्योंकि खुद को समझता है
जैसे मैं . . . . :(
पीड़ा के जाने कितने रूप ..... मन को अछूती रचना
* छूती
बहुत सुंदर .......
कड़वा सच ......पर है तो सच ही
दिल को छू लेनेवाली रचना...बहुत बेहतरीन...http://mauryareena.blogspot.in/
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteबहुत मर्मस्पर्शी रचना...
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी रचना ....!!
ReplyDeleteमन को छूती रचना |
ReplyDeleteआशा
ढ़ूँढ़ सा, एक पेड़
ReplyDeleteदोनों ही
अपने अकेलेपन
का दर्द बाँटते
और
घंटों बतियाते
...............बहुत मर्मस्पर्शी रचना !!
बढ़िया है दीदी-
ReplyDeleteआभार आपका-
एकांत की पीड़ा को व्यक्त करती पंक्तियाँ
ReplyDeleteआभार शास्त्री ' जी आप का..
ReplyDeleteउफ़
ReplyDeleteइस उदासी को कोई समझ भी पाए तो वो भी बहुत है
बहुत खूबसूरत रचना मैम
मनन को छूती हुई..
बहुत गहन और सुन्दर |
ReplyDeleteबेहद गहन व सार्थक प्रस्तुति।।।
ReplyDeleteअकेलापन बातें करता है खुद से
ReplyDeleteक्योंकि खुद को समझता है
अकेलापन बातें करता है खुद से
ReplyDeleteक्योंकि खुद को समझता है
जैसे मैं . . . . :(
ReplyDeleteपीड़ा के जाने कितने रूप ..... मन को अछूती रचना
ReplyDelete* छूती
ReplyDeleteबहुत सुंदर .......
ReplyDeleteकड़वा सच ......पर है तो सच ही
ReplyDeleteदिल को छू लेनेवाली रचना...
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन...
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