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Sunday 7 October 2012

जीवन के रंग

जीवन के रंग


मन में उमंग
ह्रदय में तरंग
अपनों के संग
यही जीवन के रंग
पुल्कित अंग अंग
न सोच हुई तंग
न विचारों में जंग
न सपने हुए भंग
देख रह गई दंग
सीख गई जीने का ढंग
अगर लेखनी हो संग
भरती रहूँ जीवन में रंग
रंग ही रंग ,रंग ही रंग
****************
महेश्वरी कनेरी

41 comments:

  1. सृजनात्मकता में यही खूबी है कि वह जीवन को जीने का ढंग देती है. बहुत सुंदर रचना.

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  2. भरती रहूँ जीवन में रंग

    सुन्दर रचना .........

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  3. जीवन में भरती रहे, सदा अनोखे रंग ।

    धन्य धन्य शुभ लेखनी, रहे हमेशा संग ।।

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  4. बहुत अच्छी रचना
    सुंदर भाव

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  5. रंगों से ही जीवन जीवित है ......

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  6. सीख गई जीने का ठंग
    अगर लेखनी हो संग
    भरती रहूँ जीवन में रंग
    रंग ही रंग ,रंग ही रंग.... इन्द्रधनुषी रंग बिखरे हैं

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  7. हम भी तो हैं आपके संग
    लेकर हाथों में कूची और रंगः)

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  8. बस ऐसे ही रंग भरे रहें।

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  9. लेखनी के साथ जीवन के रंग ... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....


    ठंग --- ढंग

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  10. सीख गई जीने का ढंग
    अगर लेखनी हो संग
    भरती रहूँ जीवन में रंग
    रंग ही रंग ,रंग ही रंग
    वाह ! बहुत खूब !!

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  11. सुंदर इन्द्रधनुषी अभिव्यक्ति

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  12. सत्य कहती सुंदर अभिव्यक्ति ...!!

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  13. गाफिल जी अति व्यस्त हैं, हमको गए बताय ।

    उत्तम रचना देख के, चर्चा मंच ले आय ।

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  14. जीवन में रंग न हो तो जीवन का आकर्षण समाप्त हो जाता है .ऐसे ही रंग भरते रहिये .

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  15. भरती रहूँ जीवन में रंग
    रंग ही रंग ,रंग ही रंग

    आपकी हर तमन्ना पूरी हो आंटी!


    सादर

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  16. सीख गई जीने का ढंग
    अगर लेखनी हो संग
    भरती रहूँ जीवन में रंग
    रंग ही रंग ,रंग ही रंग
    वाह वाह अतिसुन्दर रचना भी अपने इन्द्रधनुषी रंग बिखेर रही है

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  17. बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

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  18. भरती रहूँ जीवन में रंग
    रंग ही रंग ,रंग ही रंग... wah ma'am yahi rang jeena sikha dete hain..

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  19. बज उठी जल तरंग
    झूमे अंग-प्रत्यंग
    बना रहे सत्संग
    भरें जीवन में रंग........

    शुभकामनायें..........

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  20. शुभकामनायें..... ये रंग सदैव जीवंत बने रहें

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  21. BEAUTIFUL LINES WITH COLOUR AND LOVE

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  22. सुन्दर, उत्कृष्ट! जीवन में रंग भारती कविता..
    सादर
    मधुरेश

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  23. मन में उमंग
    ह्रदय में तरंग
    अपनों के संग
    यही जीवन के रंग
    पुल्कित अंग अंग......पुलक से इत प्रत्यय लगाके बना -पुलकित .

    रचना में सारल्य और एक ख़ुशी का दर्शन है .बधाई .

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  24. रंगों की छटा नित बिखरती रहे ..ऐसी ईश्वर से प्रार्थना है .

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  25. बहुत ही सुन्दर उत्कृष्ट रचना..
    जीवन की ये रंगत सदैव बरकरार रहे..
    :-):-) :-)

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  26. वाह! बहुत ही सुन्दर रंग भर दिए है आपने.
    संग संग दंग है कनेरी जी.
    आभार.

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  27. रंग ही जीवन को सही-सही परिभाषित कर पाते हैं।

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  28. सुंदर अभिव्यक्ति..

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  29. लेखनी सदा रहे संग
    यूं ही रहे बिखरते
    काव्य के रंग तरंग ।

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  30. सीख गई जीने का ढंग
    अगर लेखनी हो संग

    वाह !!!

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  31. वाह ...बेहतरीन भाव लिए उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति ...आभार

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  32. यही तो जीने को देते है उमग !

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  33. सच में लेखनी का साथ हो तो जीवन में रंग ही रंग है।

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  34. जीवन में भरती रहूँ रंग ही रंग |
    बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति |
    आशा

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  35. बहुत सुन्दर ......कितना सुकून मिलता है लिखने से ......हर व्यथा ..हर दर्द....जैसे बह जाता है ....और केवल सुख का साम्राज्य रह जाता है ...

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  36. लेखनी से अच्छा साथी कौन ??
    शुभकामनायें आपको !

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  37. वाह...अद्भुत अभिव्यक्ति...बधाई स्वीकारें

    नीरज

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  38. वाह।कमाल है।

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  39. मन में उमंग
    ह्रदय में तरंग
    अपनों के संग.........भावपूर्ण प्रस्तुति |

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