खामोश है आज चाँदनी
भी
खामोश धरती आसमां है
खामोश हैं तारे सभी
खामोश उनका कारवां
है
शाख के हर पात खामोश
है
खामोश हुए प्रकृति
के हर साज़
हवा भी थक कर सो गई
अब
खामोश लहरों के गीत
आज
बस,खामोश
नहीं मेरे मन का शोर
कुछ बैचैन हैं ,परेशान सा
अनबुझ प्रश्नों का सैलाब लिए
उठता है दिल में बस तूफान
अब तो खामोश हो जा मन
मेरे
ये तूफा़न भी टल जायेगा
कल सूरज के आते ही
,देखना
ये वक्त भी बदल जाएगा
************
महेश्वरी कनेरी
हर सवेरा नया होता है...आशा की किरणों के साथ कई तूफ़ान थम जाते हैं|...बहुत अच्छी प्रस्तुति!!
ReplyDeleteहर ढलता दिन अपने साथ कई ग़मों को और तूफानों को ले जाता है...हर उगता सूरज नया सवेरा लाता है...
ReplyDeleteबहुत प्यारी रचना है दी....
सादर
अनु
अब तो खामोश हो जा मन मेरे
ReplyDeleteये तूफा़न भी टल जायेगा
कल सूरज के आते ही ,देखना
ये वक्त भी बदल जाएगा
ऐसा अवश्य होगा दीदी !!
सादर प्रणाम दीदी :)
nai subah se nayi khushiyan to vakt jarur badlega ...........ham sabhi ko ummid hoti hai
ReplyDeleteनयी सुबह नयी आशा ले कर आएगी .... सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteअब तो खामोश हो जा मन मेरे
ReplyDeleteये तूफा़न भी टल जायेगा
कल सूरज के आते ही ,देखना
ये वक्त भी बदल जाएगा
आशा भरी सोच को प्रणाम
वेगमयी जो आज आँधियाँ, वो भी एक दिन थक जायेंगी।
ReplyDeleteस्थायी नहीं है ये ख़ामोशी के बादल छट जायेंगे अगली सुबह के आने तक.......
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति.
सकारात्मक भाव...... जैसा भी हो समय गुजर ही जाता है.....
ReplyDeleteआशा का संचार करती ... उत्कृष्ट अभिव्यक्ति
ReplyDeleteतारतम्य सुन्दर बना, सुन्दर सरस प्रवाह |
ReplyDeleteरविकर हो खामोश अब, कहे वाह ही वाह ||
वाकई एक दिन
ReplyDeleteये तूफा़न भी टल जायेगा
ReplyDeleteकल सूरज के आते ही ,देखना
ये वक्त भी बदल जाएगा
आशा का भाव जगाती बेहतरीन अभिव्यक्ति...
सुन्दर रचना....
:-)
सकारात्मक सोच लिये बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteरात भर का है ..मेहमान अँधेरा ...
ReplyDeleteकिसके रोके रुका है सवेरा ....
शुभकामनाएँ!
गहरी भाव, सुन्दर प्रबाह के साथ आशावादी दृष्टि कोण का सुन्दर चित्रण .बधाई .दुर्गापूजा एवं दशहरा की शुभकामनाएं .
ReplyDeleteहर नई प्रातः एक नई सोच ले कर आती है और अतीत को आज बना कर नए रंग भर जाती है. बहुत सुदंर रचना.
ReplyDeleteअनबुझ प्रश्नों का सैलाब लिए
ReplyDeleteउठता है दिल में बस तूफान
अब तो खामोश हो जा मन मेरे
ये तूफा़न भी टल जायेगा
कल सूरज के आते ही ,देखना
ये वक्त भी बदल जाएगा
नया सबेरा आएगा नया सन्देशा लाएगा
आशा की लौ को अपने भीतर जलाए रखने का अच्छा संदेश दिया है आंटी।
ReplyDeleteसादर
कलकत्ता की दुर्गा पूजा - ब्लॉग बुलेटिन पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सब को दुर्गा पूजा की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें ! आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआभार आप का..
Deleteवाकई ...
ReplyDeleteयह वक्त भी बदल जाएगा !
रश्मि प्रभा has left a new comment on my post "ये वक्त भी बदल जाएगा":
ReplyDeleteकुछ भी एक सा नहीं रहता .... दुःख के दिन भी बदल जाते हैं ... हाँ थोड़ी देर से
सूरज जरुर निकलेगा किसीके रोके नहीं रुकने वाला सवेरा... बहुत सुन्दर आशा जगाती रचना... आभार
ReplyDeleteअब तो खामोश हो जा मन मेरे
ReplyDeleteये तूफा़न भी टल जायेगा
कल सूरज के आते ही ,देखना
ये वक्त भी बदल जाएगा...bilkul sach kaha aapne...
कल सूरज के आते ही ,देखना
ReplyDeleteये वक्त भी बदल जाएगा,,,,,,,,,
विजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,
RECENT POST...: विजयादशमी,,,
अब तो खामोश हो जा मन मेरे
ReplyDeleteये तूफा़न भी टल जायेगा
कल सूरज के आते ही ,देखना
ये वक्त भी बदल जाएगा
भविष्य के प्रति आशान्वित करती सुंदर कविता।
विजयादशमी की शुभकामनाएं।
बहुत ही अच्छा लिखा है। धन्यवाद।
ReplyDeleteसुन्दर कविता
ReplyDeleteखूबसूरत भाव
ReplyDeleteek madhur si aas..sundar
ReplyDeletebahut sundar bhaw .....praval icchashakti ko darshaati rachna ....
ReplyDeleteअनबुझ प्रश्नों का सैलाब लिए
ReplyDeleteउठता है दिल में बस तूफान
अब तो खामोश हो जा मन मेरे
ये तूफा़न भी टल जायेगा
कल सूरज के आते ही ,देखना
ये वक्त भी बदल जाएगा
काश ऐसा हो पाता लेकिन यह आसान भी नहीं.
अब तो खामोश हो जा मन मेरे
ReplyDeleteये तूफा़न भी टल जायेगा
कल सूरज के आते ही ,देखना
ये वक्त भी बदल जाएगा
meri post par aapka intzaar hai
चार दिन ज़िन्दगी के .......
बस यूँ ही चलते जाना है !!
अनबुझ प्रश्नों का सैलाब लिए
ReplyDeleteउठता है दिल में बस तूफान
अब तो खामोश हो जा मन मेरे
ये तूफा़न भी टल जायेगा
bahut prernadayee prabhvshali rachana lgi ......abhar
सकारात्मक सोच लिए बेहतर भाव की कविता।
ReplyDeleteIf winter comes ,can spring be far behind!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ....वाकई !!!
ReplyDeleteरात भर का है महमान अन्धेरा '
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण रचना |
आशा