पैंसठवे स्वतंत्रता दिवस
और ..तेरे आँखों में आँसू..?
याद कर …माँ
इसे पाने के लिए
कितने खून बहे
कितनी कोख उजड़ी
कितनों की माँग सूनी हुई
तब जाके ये आजादी मिली
उस वक्त तेरी आँखों में
आँसू नहीं,अंगारे थे
एक जुनून था
अपने घर को बचाने का
अपने बच्चों को आजा़दी दिलवाने का
तू लहूलुहान होती रही
और लड़ती रही
अंत मे जीत हमारी हुई
और हम स्वतंत्र हो गए
आज पौंसठ वर्ष पूरे हो गए हैं
खुशियां मना ,ये उदासी ठीक नहीं
मुझे मालूम है..
तेरी उदास आँखे बता रही है
तेरा मन अंदर ही अंदर रो रहा है
और चीख- चीख कर कह रहा है
“मैंने ऐसी आजा़दी तो नहीं चाही थी
जिसमें भाई भाई के खून का प्यासा हो
धर्म और जाति के नाम पर दीवार खड़ी हो
सब तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार
अपने अपनों को नोच कर खाने को तैयार “
सच है..ये सब सच है.. माँ !
पर उदास होने से क्या होगा ?
माना कि तेरे कुछ बच्चे रास्ता भटक गए हैं
पर ,उन्हें अब सही रास्ते पर लाना होगा
अगर इस दर्द से आजाद होना है तो आओ
एक और जंग की तैयारी करें
पहले अपनों के लिए लड़े थे
आज अपनों से लड़ना होगा…
अपनों के लिए अपने देश के लिए
और सच्ची आजा़दी के लिए..
फिर से लड़ना होगा…
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स्वतंत्रता दिवस की सभी मित्रों को हार्दिक शुभ कामनाएँ!
महेश्वरी कनेरी
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
ReplyDeleteसादर
पहले अपनों के लिए लड़े थे
ReplyDeleteअब अपनों से लड़ना होगा
दुखद है ये..पर उन्हें रास्ता तो दिखाना ही होगा..
बदलेगा सब इसी कामना के साथ....
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
अपनों की खातिर लड़े, पर अपनों से आज |
ReplyDeleteहर कीमत पर लो बचा, माँ की पावन लाज |
माँ की पावन लाज, खेल जाते प्राणों पर |
तानो से है त्रस्त, नाज जिन संतानों पर |
आपस का यह वैर, शहर के शहर निगलते |
दिल में बसा दुराव, आज दुश्मन से पलते ||
बहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या बात है
आजादी की वर्षगांठ पर ढेर सारी शुभकामनाएं
लाखों कुर्बानियाँ देकर हमने ये दौलत पायी है । स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामना एवं बधाई ।
ReplyDeleteआशाएं बनी रहें ..... हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत रचना………………स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteएक और जंग की तैयारी करें
ReplyDeleteपहले अपनों के लिए लड़े थे
आज अपनों से लड़ना ही होगा .… !!
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ .... !
पहले अपनों के लिए लड़े थे
ReplyDeleteआज अपनों से लड़ना होगा…
बिलकुल सही बात है... स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ...
आपको सपरिवार स्वाधीनता दिवस की मंगलकामनाएं।
ReplyDeleteपहले अपनों के लिए लड़े थे
ReplyDeleteअब अपनों से लड़ना होगा...दुखद सत्य
भटके हुओं को राह पर लाने का प्रयास जरूरी है !!
Happy Independence Day !!
“मैंने ऐसी आजा़दी तो नहीं चाही थी
ReplyDeleteजिसमें भाई भाई के खून का प्यासा हो
धर्म और जाति के नाम पर दीवार खड़ी हो
सब तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार
अपने अपनों को नोच कर खाने को तैयार
gajab ki prastuti....... sadar badhai ke sath sadar abhar bhi.
रोड़े बहुत हैं राह में, पर लड़ने वाले लड़ भी रहे हैं...
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना दी.
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
सादर
अनु
"आजादी का अर्थ यदि इस तरह देश को बर्बाद करने की आजादी है तो गुलामी इससे कहीं बेहतर थी." एक सतासी वर्षीय व्यक्ति के विचार हैं ये.
ReplyDeleteआज आजादी के इन पैंसठ वर्षों का विश्लेषण किया जाना आवश्यक है. हम किस कगार पर खड़े हैं. सोचना होगा.
सार्थक संदेश देती बहुत अच्छी कविता।
ReplyDeleteशुभकामनाएं।
बहुत अच्छी कविता...
ReplyDeleteआपको भी स्वतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये!
----शुभेक्षुक ----
सवाई सिंह
सुगना फाऊंडेशन-मेघालासिय जोधपुर
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteसंवेदना बनी रहे सबकी, शुभकामनायें...
ReplyDeleteआजादी - यानि स्त्री विम्ब
ReplyDeleteमुझे भी चाहिए जवाब
किसने किया मेरा हरण
काश्मीर से कन्याकुमारी तक
कितने हैं कंस और दुह्शासन !
माँ भारती के दर्द को महसूस किया है आपने ...
ReplyDeleteसार्थक रचना ... १५ अगस्त की शुभकामनायें ...
ऐसी सुन्दर रचना के लिए साधुवाद..
ReplyDeleteपहले अपनों के लिए लड़े थे
ReplyDeleteआज अपनों से लड़ना होगा…
अपनों के लिए अपने देश के लिए
और सच्ची आजा़दी के लिए..
फिर से लड़ना होगा…
...बहुत सुन्दर और सार्थक रचना...
bahot prernaspad.....
ReplyDeleteइस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए बधाई,,,,
ReplyDeleteRECENT POST...: शहीदों की याद में,,
उम्दा...आपको भी शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteहमारी मानसिकता कैसे सुधरे ..??
ReplyDeleteशुभकामनायें आपके विचारों के लिए !
आपको भी स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें....
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