देखो मंगल मेघ है आया |
इस भीषण सी गर्मी में
शीतल पवन का सुखद सा झोंका
संग अपने संदेशा लाया
उठो ,करो स्वागत
देखो ,मंगल मेघ है आया
पत्ते –पत्ते शाख –शाख पर
धरती के कण-कण में
जीवन की हर धड़कन
हर पल हर क्षण
मधुर रस उसने घोला
उठो ,करो स्वागत
देखो मंगल मेघ है आया
दादुर मोर पपीहा नाचे
तपित धरती के भाग हैं जागे
मुर्छित दुर्वा ने खोले लोचन
फिर हरित होंगे वन उपवन
खुश्क होठों पर मुस्कान है छाया
उठो ,करो स्वागत
देखो मंगल मेघ है आया
**************
महेश्वरी कनेरी
वर्षा का भावपूर्ण सुंदर स्वागत ...!!मन खिल उठा ...!!शुभकामनायेन माहेश्वरी जी ..
ReplyDeleteबहुत सुंदर स्वागत !!!अब जल्दी से बरस भी जाए...तप्त धरती ठंढक पाए !!!
ReplyDeleteमानसून माहेश्वरी, मंगल मेघ मिलाप ।
ReplyDeleteशीतल झोंका पवन का, हरे धरा का ताप ।
अति उत्तम प्रस्तुति..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
:-)
बहुत सुन्दर हम तो स्वागत करने द्वार पर कब से बैठे हैं आज मेघ राजा आया भी और बैरन पवन उड़ा कर ले गई ....माहेश्वरी जी बहुत प्यारी रचना जबाब नहीं
ReplyDeleteबहुत सुंदर...सच मन खिल उठता है मंगल मेघ देख.....
ReplyDeleteमन उठो ,करो स्वागत
ReplyDeleteदेखो मंगल मेघ है आया,,,
वर्षा ऋतू का सुंदर स्वागत किया,,,,आपने,,,,
MY RECENT POST:...काव्यान्जलि ...: यह स्वर्ण पंछी था कभी...
मानसून शुभ मंगल हों
ReplyDeleteअभी यहाँ तो मेघ नहीं आया ...हम तो स्वागत के लिए तैयार बैठे हैं ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति
हमारी टिप्पणी?????
ReplyDeleteखो गयी....
या बादलों के पीछे छुप गयी?????
बादलों का मोल गर्मी में ही मालूम चलता है।
ReplyDeleteहार्दिक स्वागत है मंगल मेघ का... सुन्दर मनभावन रचना
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना ...........मेघों की प्रतीक्षा बहुत है लेकिन इस बार उनका आना और जाना लगा हुआ है ...........झमाझम बरसने को उनका मन नहीं है
ReplyDeleteदादुर मोर पपीहा नाचे
ReplyDeleteतपित धरती के भाग हैं जागे
मुर्छित दुर्वा ने खोले लोचन
फिर हरित होंगे वन उपवन
खुश्क अधर मृदुहास है छाया
पावस की मनोरम रचना.............
नादिरधिन्ना नादिरधिन्ना साज बजाया
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आंटी!
ReplyDeleteसादर
कल 24/06/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-062012) को चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत सुंदर स्वागत
ReplyDeleteवाह ... बहुत ही बढिया ...आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
ReplyDeleteइतने प्यारे स्वागत के बावजूद मेघ कन्नी कट रहे हैं ....काश आपकी सदा उन तक पहुँच जाये .....तो अलाहबाद में भी कुछ मेघ बरस जायें ....मन को आल्हादित करती रचना
ReplyDeleteहे मंगल मेघ अपनी कृपा हम पर बरसाइये !!!
ReplyDeleteमन उठो ,करो स्वागत
ReplyDeleteदेखो मंगल मेघ है आया,,,
वर्षा ऋतू का सुंदर स्वागत किया,,,,आपने,,,,
मन को प्रभावित करती सुंदर अभिव्यक्ति ,,,,,
RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: आश्वासन,,,,,
इस भीषण सी गर्मी में
ReplyDeleteशीतल पवन का सुखद सा झोंका
संग अपने संदेशा लाया
उठो ,करो स्वागत
देखो ,मंगल मेघ है आया
बहुत सुन्दर रचना .बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
di
ReplyDeletevarshha ke aagman ko aapne bakhubi apne kalam se ukera
hai.swagtam varshha ritu ka
bahut hi behtreen v man me ullas jagati ek sukhad prastuti
sadar naman
poonam
मंगल मेघ, मंगल कविता!
ReplyDeleteतप्त मौसम के बाद मेघों के आगमन की ध्वनि आपकी कविता ने सुना दी है. सच ही मेघों के समान मंगल अन्य कौन कर सकता है. सुंदर कविता.
ReplyDeleteब्ला ललीत शर्मा has left a new comment on my post "देखो मंगल मेघ है आया":
ReplyDelete**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
*****************************************************************
उम्दा लेखन, बेहतरीन अभिव्यक्ति...हिडिम्बा टेकरी
♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥
♥ पहली बारिश में गंजो के लिए खुशखबरी" ♥
♥सप्ताहांत की शुभकामनाएं♥
ब्लॉ.ललित शर्मा
***********************************************
~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^
**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**