मन में उठने वाले हर भाव हर अह्सास को शब्दों में बाँध, उन्हें सार्थक अर्थों में पिरोकर एक नया आयाम देना चाह्ती हूँ । भावनाओ के इस सफर में मुझे कदम-कदम पर सहयोगी मित्रों की आवश्यकता होगी.. आपके हर सुझाव मेरा मार्ग दर्शन करेंगे...
बहुत खूब आंटी। सादर
Wah-Wah ---di itni chhoti chhoti paktiyom me kitni gahri baat kah di aapne.bahut hi badhiya----dhanyvaad sahitpoonam
मस्त मस्त दो पंक्तियाँ, भरे अनोखे भाव ।दीदी बहुत बधाइयां, गूढ़ दृष्टि पा जाव ।।
बहुत खूब
मिल जाये ज़िन्दगी...!
वाह..बहुत सही कहा आपने!
सुना है अनुभव की नजर तेज होती है...आँखों की घटती रोशनी के साथ अनुभव की रोशनी बढ़ती जाती है:)
सही बात है..बहुत सुन्दर....
फिर से चर्चा मंच पर, रविकर का उत्साह | साजे सुन्दर लिंक सब, बैठ ताकता राह || -- शुक्रवारीय चर्चा मंच ।
जिंदगी की खोज सोच की नजर से...वाह बहुत सुन्दर... आभार
कम पंक्तियों बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति,,,,,नियमित पोस्ट में आने के लिये बहुत२ आभार ,,,
सच है, आयाम सिमटने लगते हैं..
खोगई है जिन्दगी यहीं कहींढ़ूँढ़ रही हूँ , मिलती ही नहींबहुत खूब दीदी .... !!
बहुत सुन्दर........................सादर
very impressive..
गहन बात कह दी ...
या कहीं नहीं है .... !
इससे भी गहरी बात कोई हो सकती है..वाह !
वाह ... बहुत खूब
क्या कहनेबहुतस सुंदर
सोच की कुछ दिशाएँ समय के साथ धुँधला जाती हैं. सुंदर पंक्तियाँ.
कुछ शब्दों में गहन प्रस्तुति...
इसी खोज में ही जिंदगी छुपी है..
कम शब्दों में बहुत कुछ कह दिया .......आभार
beautifully written........
वाह,छोटी सी डिबिया में समंदर भर के मोती।
जिंदगी सार यही है. सुंदर प्रस्तुति.
बहुत ही बढ़िया भाव लिए रचना.
बहुत खूब आंटी।
ReplyDeleteसादर
Wah-Wah ---di itni chhoti chhoti paktiyom me kitni gahri baat kah di aapne.
ReplyDeletebahut hi badhiya----
dhanyvaad sahit
poonam
मस्त मस्त दो पंक्तियाँ, भरे अनोखे भाव ।
ReplyDeleteदीदी बहुत बधाइयां, गूढ़ दृष्टि पा जाव ।।
बहुत खूब
ReplyDeleteमिल जाये ज़िन्दगी...!
ReplyDeleteवाह..
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने!
सुना है अनुभव की नजर तेज होती है...
ReplyDeleteआँखों की घटती रोशनी के साथ अनुभव की रोशनी बढ़ती जाती है:)
सही बात है..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर....
फिर से चर्चा मंच पर, रविकर का उत्साह |
ReplyDeleteसाजे सुन्दर लिंक सब, बैठ ताकता राह ||
--
शुक्रवारीय चर्चा मंच ।
जिंदगी की खोज सोच की नजर से...
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर... आभार
कम पंक्तियों बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति,,,,,
ReplyDeleteनियमित पोस्ट में आने के लिये बहुत२ आभार ,,,
सच है, आयाम सिमटने लगते हैं..
ReplyDeleteखोगई है जिन्दगी यहीं कहीं
ReplyDeleteढ़ूँढ़ रही हूँ , मिलती ही नहीं
बहुत खूब दीदी .... !!
बहुत सुन्दर........................
ReplyDeleteसादर
very impressive..
ReplyDeleteगहन बात कह दी ...
ReplyDeleteया कहीं नहीं है .... !
ReplyDeleteइससे भी गहरी बात कोई हो सकती है..वाह !
ReplyDeleteवाह ... बहुत खूब
ReplyDeleteक्या कहने
ReplyDeleteबहुतस सुंदर
सोच की कुछ दिशाएँ समय के साथ धुँधला जाती हैं. सुंदर पंक्तियाँ.
ReplyDeleteकुछ शब्दों में गहन प्रस्तुति...
ReplyDeleteइसी खोज में ही जिंदगी छुपी है..
ReplyDeleteकम शब्दों में बहुत कुछ कह दिया .......आभार
ReplyDeletebeautifully written........
ReplyDeleteवाह,
ReplyDeleteछोटी सी डिबिया में समंदर भर के मोती।
जिंदगी सार यही है. सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया भाव लिए रचना.
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