एक अद्भुत अविस्मरणीय संस्मण – अक्षरधाम दर्शन
कितनी ही बार दिल्ली में मेरा आना जाना रहा, लेकिन इस बार ३१दिसम्बर २०११ की वो अंतिम दिन एक अद्भुत अविस्मरणीय ज्ञानवर्धक संस्मण बन गया ।
सभी जानते हैं भारत की राजधानी दिल्ली की संस्कृति वहाँ की ऐतिहासिक स्थिति से पूर्ण रूप से प्रभावित रहा है । यह शहर कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों से भरा हुआ है । भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने दिल्ली शहर में लगभग १२०० धरोहर स्थल घोषित किए हैं, जो कि विश्व में किसी भी शहर से कहीं अधिक है।
इन्हीं में से एक नवनिर्मित स्वामिनारायण अक्षरधाम एक अभिनव संस्कृति-तीर्थ स्थल है। यह एक अद्वितीय परिसर है। भारतीय कला,चिन्तन और मूल्यों का एक समयातीत सर्जन है ।जो भारतीय संस्कृति ज्योतिर्धर भगवान श्रीस्वामीनारायण [सन १७८९-१८३०] की पुण्य स्मृति में रचा गया है |
संतविभूति प्रमुखस्वामी महाराज द्वारा केवल पाँच साल में निर्मित यह विशाल परिसर १०० एकड़ भूमि में फैला हुआ है। यह मंदिर दिल्ली में यमुना नदी के पास नोएडा मोड़ पर बना है. इस मदिंर को बनाने में 11 हजार शिल्पकारों की फौज लगी थी । दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मंदिर परिसर होने के नाते २६ दिसंबर २००७ को यह गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया। मंदिर में सबसे ज्यादा आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि इस पूरी इमारत में कहीं भी कंक्रीट और स्टील का इस्तेमाल नहीं किया गया है यह पूरी इमारत गुलाबी बालुओ पत्थरों के खंड़ों को जो़ड़कर तैयार की गई है
भारत की राजधानी में स्थित इस मंदिर को दुनिया के सात अजूबो में पांचवां स्थान मिला है लंदन की मैग्जीन रीडर्स डायजेस्ट ने दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर को 21 वीं के सात अजूबों में शामिल किया है। बेजोड़ स्थापत्य कला और आकार के आधार पर इसे दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया है रिपोर्ट में कहा गया है कि ताजमहल बेशक वास्तुशिल्प का अग्रणी उदाहरण है लेकिन दिल्ली स्थित यह मंदिर एक प्रमुख प्रतियोगी बन कर उभरा है। इस में कोई दो राय नहीं कि अक्षरधाम इस सदी के एक वास्तुशिल्प चमत्कार है |
स्वामीनारायण अक्षरधाम अपने सभी लुभावनी भव्यता, सुंदरता, बुद्धि, और आनंद में भारतीय संस्कृति के 10,000 साल के प्रतीक हैं| अक्षरधाम मंदिर मात्र मंदिर ही नहीं बल्कि देश की विभिन्न संस्कृतियों का ऐसा बेजोड संगम है जहां पर भारत की 10 हजार साल पुरानी रहस्यमय सांस्कृतिक धरोहर मौजूद है।
वास्तव में यह एक अभिनव संस्कृति तीर्थ है साथ ही यह अद्वितीय परिसर है जहाँ भारतीय कला, प्रज्ञा, चिंतन और मूल्यों के दर्शन होते हैं। ऐसी चीजों की गूढ जानकारी यहां उपलब्ध कराई गई है कि जिसे जानने के बाद हमें लगा कि अरे ! हम तो अपने भारत से अभी तक अनभिज्ञ थे।
भारतीय संस्कृति के इस पावन परिसर में मेरी ये यात्रा दिव्य प्रेरणाओ से धन्य हो उठी, सिर गर्व से ऊँचा हो गया, ये सोच कर कि हम इस महान देश के वासी हैं ।
भगवान स्वामीनारायण के जीवन मूल्यों को प्रकाश और ध्वनि के माध्यम से बहुत सुन्दर प्रस्तुति |
एक 11 वर्षीय योगी नीलकंठ के जीवन की महायात्रा पर एक विशाल स्क्रीन फिल्म |
रहस्यवादी भारत भूमि और भारत की आत्मा में एक महाकाव्य यात्रा भारत की गौरवशाली विरासत के 10,000 साल की एक 12 मिनट आकर्षक नाव की सवारी का एक अद्भुत अनुभव । . |
अक्षरधाम इस सदी के एक वास्तुशिल्प चमत्कार है. |
आपके और इन चित्रों के माध्यम से हमे भी दर्शन करने का आनंद मिल गया।
ReplyDeleteधन्यवाद आंटी।
सादर
अरे मेरा कमेन्ट कहाँ चला गया महेश्वरी जी..
ReplyDeleteऔर आपकी ये पोस्ट लेटेस्ट पोस्ट कि लिस्ट में भी नहीं दिख रही..
फिर से कहना चाहती हूँ..
बहुत सुन्दर वर्णन....
आभार आपका.
सादर नमन.
विधा जी कुछ समझ नही आरहा है ये क्या होरहा है..दुबारा कमेन्त देने के लिये आप का बहुत -बहुत धन्यवाद ..आभार..
Deleteसुन्दर चित्रों के साथ बढ़िया विवरण
ReplyDeleteGyan Darpan
..
अदभुत दर्शन और लेखन
ReplyDeleteकला और श्रधा का बेजोड संगम है अक्षरधाम ...
ReplyDeleteअच्छा लगा आपके साथ घूमना ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआभार!
सच कहा आपने, इस सदी के वास्तुकार।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और ज्ञानवर्धक पोस्ट ..
ReplyDeleteबस इसी मंदिर से दो किलोमीटर की दूरी पर हमारा आफिस है। आपके आने की जानकारी होती तो एक मुलाकात जरूर होती।
ReplyDeleteआपने बहुत सुंदर तरीके से मंदिर की बारीकियों को समझा है और बताया भी।
बहुत सुन्दर, बधाई.
ReplyDeleteअक्षरधाम मंदिर के दर्शन करवाने के लिए आभार. आपके द्वारा कवितामय शैली में किये गए वर्णन से इसका महत्व और भी बढ़ गया है... बहुत अच्छा लगा.... मैंने भी इस मंदिर को परिवार के साथ लगभग छ साल पहले देखा तो था, परन्तु उन कोणों से नहीं देख पाया जो आपने दिखा दिया. पुनः आभार. !
Deleteअरे आप तो हमारे पडोस में हो कर चली गयी,
ReplyDeleteकोई बात नहीं अबकी बार देहरादून आकर ही मिलूँगा।
बहुत अच्छी जनकारी दी आपने। कभी गया नहीं हूं वहां, जाना है।
ReplyDeleteएक झलक आपने दिखला दी अब देखना ही पड़ेगा पूरा परिसर .एक मर्तबा गए थे गर्मी और लोगों की अपार भीड़ देख कर उलटे पाँव लौट आए बिटिया प्रवासी अमरीकी अपने बालगोपालों के साथ थी .ये लोग बे -तहाशा ठंडे मौसम( देत्रोइत )मिशिगन में रहने के आदीं हैं .सन बर्न्स की आशंका हो चली थी .आपने बेहद कन्देंस्द फॉर्म में सार तत्व परोस दिया है भारत की इस सांस्कृतिक थाती का .ब्लॉग जगत की एक धरोहर बन गया है यह आलेख और यह पोस्ट .बधाई .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteमै २००९ में अक्षरधाम गया था,वास्तव में बहुत भव्य है,...सुंदर प्रस्तुति,
ReplyDeletewelcome to new post --काव्यान्जलि--यह कदंम का पेड़--
बहुत सुन्दर मन्दिर है!
ReplyDeleteमैं गाजियाबाद में भी रहते हुए भी अक्षर धाम मंदिर नही जा पाया.
ReplyDeleteपरन्तु, आपने इतनी सुन्दर जानकारी और चित्र प्रस्तुत किये हैं
अक्षर धाम मंदिर के कि अब तो किसी दिन देखकर आना ही
होगा.आपकी सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
धन्यवाद , की आप मेरे ब्लॉग पर आयीं मेरे मनोबल बढ़ाया |
ReplyDeleteअक्षरधाम की भव्यता निसंदेह अवर्णीय है |और आपने तो उसे जीवंत कर दिया है |
बहुत सुन्दर मन्दिर है!
ReplyDeleteरोचक वर्णन के लिए आभार|
बहुत रोचक वर्णन .चित्रों ने मन मोह लिया जुलाई'11 में हमें भी देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
ReplyDeleteअभिव्यंजना में आकर मेरा मनोबल बढ़ाने के लिये और अपना अमूल्य समय देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद....आप सब की ह्रदय से आभारी हूँ......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मन्दिर है, बहुत खुबसूरत वर्णन
ReplyDeleteअक्षरधाम मन्दिर वास्तव में कलाकारी और सुंदरता का एक अद्भुत नमूना है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteरोचक वर्णन .
ReplyDeleteअक्षरधाम मंदिर के बारे में सार्थक पोस्ट लेखन शैली ने आये अदभुत बना दिया
ReplyDeleteप्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर पर विवरणात्मक सुंदर आलेख।
ReplyDeleteसचमुच यह आधुनिक स्थापत्य कला का चमत्कार है।
बहुत सुंदर भव्य प्रस्तुति,चित्र अच्छे लगे
ReplyDeletenew post--काव्यान्जलि --हमदर्द-
ham 4-5 baar gaye hain, par aapki prastuti lajabab hai:)
ReplyDeleteआपकी कलम से विस्तारपूर्वक जानने का अवसर मिला अक्षरधाम मंदिर के बारे में ..
ReplyDeleteइस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार ।
akshar dham mandir ka darshn likhni ne karaya .....bahut bahut abhar .
ReplyDeleteसुन्दर सार्थक पोस्ट ...आभार !
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर व रोचक यात्रा विवरण्।
ReplyDeleteआपकी सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
ReplyDeleteनिवेदन आपसे एक ब्लॉग सबका ' ब्लॉग पर भी इस पोस्ट को प्रकाशित करें .आभार
ReplyDeleteसादर
आपका सवाई सिंह
सुन्दर और रोचक यात्रा रही आपकी बहुत बहुत बधाई आपको अक्षरधाम दर्शन करने कि
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