सन १९९१. उन्हीं दिनों पिता की मृत्यु से मन बहुत व्यथित था । विद्यालय में वार्षिक उत्सव की तैयारियाँ भी चल थी मुझे भी एक प्रोग्राम देना था,क्या करूँ समझ नही पारही..कुछ तो करना ही था । अचानक मेरे मन में ये भाव उमड़ पड़े…
”कर्म ही जीवन है …कर्म ही सब दुखो का अंत करने वाला
महा मंत्र है....कर्म ही ईश्वर है.. कर्म ही ईश्वर है..”
बस फिर क्या था मेरे भाव को आधार मिल गया और एक मूर्तिकार के रुप में मैंने उस भाव को जीवित करने की कोशिश की ।
एक लघु नाटिका के रुप में उसे विद्यालय में वार्षिक उत्सव में प्रस्तुत कर दिया । छोटे छोटे बच्चो ने भी मेरे भावनाओ के पात्र के रुप को बखुबी निभाया । सभी ने इस नाटिका को बहुत पसंद किया था । इस नाटिका में एक दर्द था , पिता का आशीष छिपा था , इसी लिये ये मेरे लिए एक महान कृति बन गई थी ।
उस दिनों रिकार्डिग की सुविधा न थी। लेकिन आज इतने वर्ष बाद २६ नवम्बर २०११ मे् मुझे फिर से इस नाटिका को अपने पुराने विद्यालय के वार्षिक उत्सव में अभिनीत कराने का पुन: अवसर मिला । ये मेरे लिए एक यादगार दिन बन गया था क्योंकि २६ नवम्बर यानी अपने जन्म दिन पर अपने पिता की स्मृति को पुन: ताजा करने का अवसर मिला अपनी इस नाटिका द्वारा । सच में ये मेरा सौभाग्य ही था ।
लीजिए मैं आप सब के सम्मुख ये विडियो रिकार्डिग प्रस्तुत है । रिकार्डिग बहुत अच्छी तो नही हो पाई फिर भी अपनी पुरानी यादें और अपने पिता का आशीष आप सब से बाँटना चाहती हूँ । उम्मीद करुँगी कि समय का आभाव होने पर भी आप इसे जरुर देखें और मेरा मार्ग दर्शन करें मुझे अच्छा लगेगा…… धन्यवाद..
अदभुद...
ReplyDeleteमहेश्वरी जी बहुत बहुत सुन्दर...
कलाकार के मनोभावों को बहुत अच्छी तरह प्रस्तुत किया वो भी नन्हे नन्हें बच्चों ने...
ऐसा आशीष हर बच्ची को मिले अपने पिता से..
कर्म जीवन के सब दुखों से उबरने का महामन्त्र है।
ReplyDeleteबहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति....
ReplyDeleteसच कहा है .. कर्म जीवन को दिशा देता है ... दुःख से उबरने का मन्त्र ...
ReplyDeleteकर्म ही जीवन है...सही कहा आपने सब दुखों का अंत करने वाला... आभार
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर नाटिका ………कर्म तो हर हाल मे करना पडता है और कर्म ही जीने की वजह दे देता है।
ReplyDeleteयादों के सहारे
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर लगा नाटिका .......हम सभी को भी विषम परिस्थितियों में कर्म करते जाना चाहिए .
ReplyDeleteभविष्य के लिए सीख भी मिल गई .
बहुत सुंदर ...बचपन के दिन याद हो आये ...
ReplyDeleteकर्म का पाठ पढ़ता हुआ ...श्लोक में आवाज़ किसकी है ...? बहुत मधुर गायन है ...आप सभी को मेरी ढेरों शुभकामनायें ....
अनुपमा जी श्लोक में आवाज मेरी बेटी स्वाति की है...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी नाटिका है आंटी।
ReplyDeleteसादर
आपलोगों के साथ बहुत सी बाते सिखने को मिल रही है....!
ReplyDeleteबचपन को देख अच्छा लगा.... :)
Very Nice post our team like it thanks for sharing
ReplyDeleteबहुत सुंदर पुरानी यादो को ताजा करती बेहतरीन प्रस्तुति,...वीडियो में
ReplyDeleteप्रस्तुतीकरण बहुत अच्छा लगा,..हम लोगो तक पहुचाने के लिए आभार.
मेरी नई पोस्ट की चंद लाइनें पेश है....
आफिस में क्लर्क का, व्यापार में संपर्क का.
जीवन में वर्क का, रेखाओं में कर्क का,
कवि में बिहारी का, कथा में तिवारी का,
सभा में दरवारी का,भोजन में तरकारी का.
महत्व है,...
पूरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे
ओह! अनुपम
ReplyDeleteअदभुत
मार्मिक
हृदयस्पर्शी .
क्या कहूँ मैं आपकी सुन्दर प्रस्तुति के लिए.
मन मग्न हो गया है मेरा.
बहुत बहुत आभार सुन्दर जीवंत प्रस्तुतीकरण के लिए.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
कर्म योगी हनुमान जी पर अपने अमूल्य विचार
प्रस्तुत कर अनुग्रहित कीजियेगा जी.
सच, बहुत सुंदर प्रस्तुति है ....
ReplyDeleteकर्म जीवन का वह आधार है जो हर दुःख से हमें बाहर निकाल सकता है .... प्रेरित करती पोस्ट के लिए आभार
बहुत सुन्दर प्रस्तुति....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर! उम्दा प्रस्तुती!
ReplyDeleteadddbhut ,utkrasht prastuti naatika vishya,chote chote bachchon ki kalakari nepathya ki aavaaj khoobsurat background music kya kahoon taareef ke liye shabd nahi hain mere paas.karm hi ishwar,karm hi pooja ka sajeev chitran.
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति |
ReplyDeleteटिप्स हिंदी में
प्रस्तुति,गायन, अभिनय,संदेश...सब कुछ उत्कृष्ट
ReplyDeleteविद्यालय के दिन याद आ गए जब हम भी इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के हिस्सा हुआ करते थे|
बहुत सुन्दर नाटिका ,बधाई स्वीकारें महेश्वरी जी .....
ReplyDeleteBeautiful presentation. thanks for sharing with us..Enjoyed watching .
ReplyDeletebahut hi sunder natika bachchon ne bahut khub kiya hai aap sabhi ko badhai
ReplyDeleterachana
अच्छी प्रस्तुति.
ReplyDeletevah ati sundar ....abhar.
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति. कई दिनों बाद ऐसा कुछ मिला देखने को. बहुत धन्यवाद :)
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .
ReplyDeleteनाट्य प्रस्तुति ध्यान से देखी. कर्म की ओर प्रवृत्त करती बहुत ही शांतिदायक. पिताश्री की स्मृति पर नमन.
ReplyDeleteअदभुद...
ReplyDeleteमहेश्वरी जी बहुत बहुत सुन्दर...
बहुत ही सुन्दर नाटिका ………कर्म तो हर हाल मे करना पडता है और कर्म ही जीने की वजह दे देता है।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .
लाजवाब प्रस्तुति..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर तरीका अपनी बातें कहने का......
ReplyDeleteआप मेरे ब्लॉग पर आई और आशीष रूपी टिप्पणी दी आपका आभार...
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ...
ReplyDeleteक्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
बहुत सुंदर
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति.......
ReplyDeleteabhar maheshwari ji ... mere nye post pr apka aamantran hai
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति,..नए पोस्ट के इंतजार में,...
ReplyDelete"काव्यान्जलि"--नई पोस्ट--"बेटी और पेड़"--में click करे
सुंदर नाटिका ने मन मोह लिया।
ReplyDeleteबधाई आपको।
बहुत ही अच्छा लिखा है ,आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी । धन्यवाद ।
ReplyDeleteजो बड़े प्यार से मिलता है लपककर तुझसे
ReplyDeleteआदमी दिल का भी अच्छा हो वो ऐसा न समझ
कलाकार के मनोभावों की सुन्दर प्रस्तुति
vikram7: आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें.....
सुंदर अभिव्यक्ति,.....
ReplyDeleteनया साल सुखद एवं मंगलमय हो,....
मेरी नई पोस्ट --"नये साल की खुशी मनाएं"--
mere paas net kee abhi problem hai is liye main video dekhne me asamath hun ...fir bhi aapki bhavnaaon ko main samajh paa rahi hun... Net vyavasthit hone par video ko dekhungi...aapko navvarsh par shubhkaamnayen..
ReplyDeleteनए साल की हार्दिक बधाई आपको
ReplyDeleteकर्मण्ये वाधिकारस्ते म फलेषु कदाचना!!
ReplyDeleteka pavitra sandesh deti huyi ye natya rachna bahut hi sundar hai ...bahut hi sasakt prastuti ...behtarin abhinaya ...
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
ReplyDeleteNAV VARSH PR HARDI BADHAI KE SATH AK ACHHI PRAVISHTI KE LIYE ABHAR.
ReplyDeleteइस सूक्ष्म भावाभिव्यक्ति के लिए सहज अनुभूत सत्यों की काव्यात्मक अभिव्यक्ति के लिए बधाई .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति,नये पोस्ट का इंतजार ......
ReplyDeletewelcome to new post--जिन्दगीं--
bahut hi sundar prastuti .....khoobsoorat abhivyakti ke sath recording dikhane ke liye abhar.
ReplyDeletebahut achchi pratuti.
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