यादें
जीवन के एकांत पलों में
जब अकेली हो जाती हूँ
तब यादों के पन्नों में
बस यूँ ही खो जाती हूँ
न जाने कितनी यादें
बसी है, मन के भीतर
कुछ खामोश कुछ गुमसुम
कुछ चहकती अंदर ही अंदर
कभी दर्द का सैलाब बन
आँखें नम कर देती यादें
कभी मीठी सी दवा बन
मन को सहला जाती यादें
माला सी गूँथ –गूँथ कर
पल-पल जुड़ती जाती यादें
भूलाए नहीं भूला पाती
ये खट्टी-मीठी सी राहें
जीवन के इस ढ़लते पल में
जब सब छूटने सा लगता है
तब याद ही बाकी रह जाती है
सिर्फ याद ही बाकी रह जाती है
******
यादों से पीछा कभी नहीं छूट सकता।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है आंटी।
सादर
प्रस्तुति इक सुन्दर दिखी, ले आया इस मंच |
ReplyDeleteबाँच टिप्पणी कीजिये, प्यारे पाठक पञ्च ||
cahrchamanch.blogspot.com
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं ,बेहतरीन अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteयादों के बिना तो इंसान अकेला है ... बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteसुखद और दुखद दोनों प्रकार की यादें भविष्य की रूप-रेखा के निर्धारण मे सहायक होती हैं,आपने सही अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर महेश्वरी जी....
ReplyDeleteसच है...बीते वक्त ही सुखद यादें ही आज का संबल होती हैं.
सादर नमन..
है धूप कहीं छाया ..
ReplyDeleteऔर ..छाया यादों का सरमाया ....
यही है ज़िन्दगी ...
बेहतरीन अभिव्यक्ति ......
महेश्वरी जी,..
ReplyDeleteजब अपनों साथ छूटता सिर्फ याद रह जाती है,...
बहुत अच्छी रचना,बधाई ...
मेरे नई रचना में स्वागत है...
यादो की एक खुबसूरत अभिवयक्ति.....
ReplyDeleteआज का दिन भी कल याद बन जायेगा।
ReplyDeleteहाँ एकांत और स्मृतियाँ जुडी हैं एक दूजे से...... यादें सदा साथ रहती हैं....
ReplyDeleteसिर्फ याद ही बाकी रह जाती है...यही सच है, बहुत बढ़िया
ReplyDeleteयदि तो कभी पीछा नहीं छोडती ...........सुंदर भाव
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति...
ReplyDeleteसादर...
सच कहा यादो का खजाना रहता है हमारे पास
ReplyDeleteस्मृतियों पर एक संजीदगी भरी रचना. बहुत खूब....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा आपने |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteये क्या कम है कि याद बाकी हैं यादों के पृष्ठ खुल जातें हैं वरना ज़िन्दगी क्या कम निस्संग है .
ReplyDeleteयादें जीवन के लिए आक्सीजन का काम करती हैं।
ReplyDeleteप्रभावशाली कविता।
Waah !! Khoobsurat rachna .
ReplyDeleteYaadon ki khoob ladiyan baandhi.
Aabhaar....!!
ये यादें ही होती हैं जो हमारे जीने का सम्बल बन जाती हैं और दुःख के पलों में कोमलता से दुलार कर सहला जाती हैं ! बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteकभी दर्द का सैलाब बन
ReplyDeleteआँखें नम कर देती यादें
कभी मीठी सी दवा बन
मन को सहला जाती यादें
bahut sundar yaaden
बेहद ख़ूबसूरत और शानदार रचना लिखा है आपने! बधाई!
ReplyDeleteमेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
जीवन के इस ढ़लते पल में
ReplyDeleteजब सब छूटने सा लगता है
तब याद ही बाकी रह जाती है
सिर्फ याद ही बाकी रह जाती है
sunder bhav
badhai
सभी मित्र बंधुओ को बहुत-बहुत धन्यवाद..मेरी भावनाओ को सहारा देने के लिए.. आशा है आगे भी आपके उत्साह बढ़ानेवाले सन्देश मेरी रचनाओं को मिलता रहेगा /आभार /
ReplyDeletebahut sundar rachna maheshwari ji.
ReplyDeleteयादें जीने का आसान तरीका बन जाती हैं अक्सर ... यादें यादें ..
ReplyDeleteयादे ही जीने का सहारा है,...सुंदर पोस्ट
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आइये,.....
वाह, सच में बहुत सुंदर रचना है।
ReplyDeleteबहुत बढिया
waqt ke saath sab chala jata hai bas yaad hin baaki rah jaati hai, sundar rachna, badhai.
ReplyDelete.
ReplyDeleteजब सब छूटने सा लगता है
तब याद ही बाकी रह जाती है
सच ! यादें जीवन में बहुत महत्व रखती हैं …
अच्छी रचना !
आभार !!
जीवन के एकांत पलों में
ReplyDeleteजब अकेली हो जाती हूँ
तब यादों के पन्नों में
बस यूँ ही खो जाती हूँ
मन की बातें.....
और उन्हीं पन्नों में उलझ कर
न जाने क्या-क्या लिख जाती हूँ...!!
जीवन के इस ढ़लते पल में
ReplyDeleteजब सब छूटने सा लगता है
तब याद ही बाकी रह जाती है
सिर्फ याद ही बाकी रह जाती है
.......
जीवन के हर पल में बस यादें ही तो होती है साथ सुंदर भाव दी !
बहुत ही सुंदर भावों का प्रस्फुटन देखने को मिला है । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपकी सादर उपस्थिति की जरूरत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर भावों का प्रस्फुटन देखने को मिला है । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपकी सादर उपस्थिति की जरूरत है । धन्यवाद ।
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