abhivainjana


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Thursday 1 December 2011

यादें


यादें
जीवन के एकांत पलों में
जब अकेली  हो जाती हूँ
तब यादों के पन्नों में
 बस यूँ ही खो जाती हूँ
न जाने कितनी यादें
बसी है, मन के भीतर
कुछ खामोश कुछ गुमसुम
कुछ चहकती अंदर ही अंदर
कभी दर्द का सैलाब बन
आँखें नम कर देती यादें
कभी मीठी सी दवा बन
मन को सहला जाती यादें
माला सी गूँथ –गूँथ कर
पल-पल जुड़ती जाती यादें
भूलाए नहीं भूला पाती
ये खट्टी-मीठी सी राहें
जीवन के इस ढ़लते पल में
जब सब छूटने सा लगता है
तब याद ही बाकी रह जाती है
सिर्फ याद ही बाकी रह जाती है
******
*****

37 comments:

  1. यादों से पीछा कभी नहीं छूट सकता।
    बहुत ही अच्छा लिखा है आंटी।

    सादर

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  2. प्रस्तुति इक सुन्दर दिखी, ले आया इस मंच |
    बाँच टिप्पणी कीजिये, प्यारे पाठक पञ्च ||

    cahrchamanch.blogspot.com

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  3. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं ,बेहतरीन अभिव्यक्ति ..

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  4. यादों के बिना तो इंसान अकेला है ... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

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  5. सुखद और दुखद दोनों प्रकार की यादें भविष्य की रूप-रेखा के निर्धारण मे सहायक होती हैं,आपने सही अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है।

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  6. बहुत सुन्दर महेश्वरी जी....
    सच है...बीते वक्त ही सुखद यादें ही आज का संबल होती हैं.
    सादर नमन..

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  7. है धूप कहीं छाया ..
    और ..छाया यादों का सरमाया ....
    यही है ज़िन्दगी ...
    बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ......

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  8. महेश्वरी जी,..

    जब अपनों साथ छूटता सिर्फ याद रह जाती है,...
    बहुत अच्छी रचना,बधाई ...
    मेरे नई रचना में स्वागत है...

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  9. यादो की एक खुबसूरत अभिवयक्ति.....

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  10. आज का दिन भी कल याद बन जायेगा।

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  11. हाँ एकांत और स्मृतियाँ जुडी हैं एक दूजे से...... यादें सदा साथ रहती हैं....

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  12. सिर्फ याद ही बाकी रह जाती है...यही सच है, बहुत बढ़िया

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  13. यदि तो कभी पीछा नहीं छोडती ...........सुंदर भाव

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  14. सुंदर प्रस्तुति...
    सादर...

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  15. सच कहा यादो का खजाना रहता है हमारे पास

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  16. स्मृतियों पर एक संजीदगी भरी रचना. बहुत खूब....

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  17. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  18. बहुत सुन्दर लिखा आपने |

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  19. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||

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  20. ये क्या कम है कि याद बाकी हैं यादों के पृष्ठ खुल जातें हैं वरना ज़िन्दगी क्या कम निस्संग है .

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  21. यादें जीवन के लिए आक्सीजन का काम करती हैं।
    प्रभावशाली कविता।

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  22. Waah !! Khoobsurat rachna .
    Yaadon ki khoob ladiyan baandhi.

    Aabhaar....!!

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  23. ये यादें ही होती हैं जो हमारे जीने का सम्बल बन जाती हैं और दुःख के पलों में कोमलता से दुलार कर सहला जाती हैं ! बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति !

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  24. कभी दर्द का सैलाब बन
    आँखें नम कर देती यादें
    कभी मीठी सी दवा बन
    मन को सहला जाती यादें

    bahut sundar yaaden

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  25. बेहद ख़ूबसूरत और शानदार रचना लिखा है आपने! बधाई!
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  26. जीवन के इस ढ़लते पल में
    जब सब छूटने सा लगता है
    तब याद ही बाकी रह जाती है
    सिर्फ याद ही बाकी रह जाती है
    sunder bhav
    badhai

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  27. सभी मित्र बंधुओ को बहुत-बहुत धन्यवाद..मेरी भावनाओ को सहारा देने के लिए.. आशा है आगे भी आपके उत्साह बढ़ानेवाले सन्देश मेरी रचनाओं को मिलता रहेगा /आभार /

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  28. bahut sundar rachna maheshwari ji.

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  29. यादें जीने का आसान तरीका बन जाती हैं अक्सर ... यादें यादें ..

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  30. यादे ही जीने का सहारा है,...सुंदर पोस्ट
    मेरे नए पोस्ट पर आइये,.....

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  31. वाह, सच में बहुत सुंदर रचना है।
    बहुत बढिया

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  32. waqt ke saath sab chala jata hai bas yaad hin baaki rah jaati hai, sundar rachna, badhai.

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  33. .


    जब सब छूटने सा लगता है
    तब याद ही बाकी रह जाती है

    सच ! यादें जीवन में बहुत महत्व रखती हैं …
    अच्छी रचना !
    आभार !!

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  34. जीवन के एकांत पलों में
    जब अकेली हो जाती हूँ
    तब यादों के पन्नों में
    बस यूँ ही खो जाती हूँ

    मन की बातें.....

    और उन्हीं पन्नों में उलझ कर
    न जाने क्या-क्या लिख जाती हूँ...!!

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  35. जीवन के इस ढ़लते पल में
    जब सब छूटने सा लगता है
    तब याद ही बाकी रह जाती है
    सिर्फ याद ही बाकी रह जाती है
    .......
    जीवन के हर पल में बस यादें ही तो होती है साथ सुंदर भाव दी !

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  36. बहुत ही सुंदर भावों का प्रस्फुटन देखने को मिला है । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपकी सादर उपस्थिति की जरूरत है । धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  37. बहुत ही सुंदर भावों का प्रस्फुटन देखने को मिला है । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपकी सादर उपस्थिति की जरूरत है । धन्यवाद ।

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