abhivainjana


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Friday, 9 December 2011

मेरी पहचान


मेरी पहचान
कभी धीरे से, कभी चुपके से
अभी तूफान लिए ,कभी उफान लिए
कभी दर्द का अहसास लिए
कभी आस और विश्वास लिए
मेरी भावनाएँ ,अकसर आकर…
मेरे मन के साथ खेलने लगजाती हैं
तब मैं उन्हें शब्दों के जाल में लपेटे
पन्नों में यूँ ही बिखेर देती हूँ ।
इसे मेरे दिल का गुब्बार कहे
या फिर..
एक सुखद सा अहसास
जो भी हो ……..
वो मेरी कृति बन जाती है
अच्छी है या बुरी,
मेरे जीवन में गति बन आती है
ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है..
बस , यही तो मेरी पहचान है…..
******

45 comments:

  1. सटीक! भावनायें, अनुभूतियाँ, यही तो खिलती हैं काव्यकुसुम के रूप में! शब्द ही बनते हैं पहचान हमारी!

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  2. सच है, यही है हमारी पहचान।

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  3. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है..

    कृति में कवि की जान है, बस इतना ही जान
    भाव आत्मा, श्वाँस शब्द,और है क्या पहचान.

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  4. वो मेरी कृति बन जाती है
    अच्छी है या बुरी,
    मेरे जीवन में गति बन आती है

    आपका कहना सच है ...ये शब्द हमारे प्राण हैं, पहचान हैं.....

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  5. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है...
    सच है ...

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  6. वो मेरी कृति बन जाती है
    अच्छी है या बुरी,
    मेरे जीवन में गति बन आती है
    ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    bilkul sahi kah rahi hi aapki kavita.

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  7. वाह महेश्वरी जी...
    भावनाओं को शब्दों के जाल में लपेट कर...पन्नों में बिखेरना..
    बहुत सुन्दर भाव...
    सादर नमन.

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  8. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है..
    बस , यही तो मेरी पहचान है….

    बहुत ही अच्छे भाव हैं आंटी....अपनी अलग पहचान बनी ही रहनी चाहिए।

    सादर

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  9. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है..isi mein main hun , sach me

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  10. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है...………बिल्कुल सही कहा।

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  11. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है....बेहतरीन और अदभुत अभिवयक्ति....

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  12. भावनाएं तो दिल का अहसास होती हैं। और इन्हें अभिव्यक्ति का माध्यम मिलना ही चाहिए। और जो भावनाओं को अभिव्यक्ति दे उसे दिल से लिखी रचना कहते हैं और वह अच्छी ही होती है।

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  13. kriti gatimaan bani rahe yahi meri kamna hai

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  14. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है..

    ....सच्चे अहसासों और भावों से निसृत कृति निश्चय ही अच्छी होगी और उस पहचान पर गर्व स्वाभाविक है...बहुत सुंदर अभिव्यक्ति..

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  15. काव्य रचना अक्षर ब्रह्म है. यह अपने तरीके से रचना करता है. सुंदर कविता.

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  16. शब्दों में भावनाओं को समेटना ही हमारी पहचान है ..बहुत अच्छी प्रस्तुति

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  17. bas yahin to meri pahchaan hai..bhut khub :)
    mere blog par aapka swagat hai :)

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  18. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है..
    वाह ...बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  19. behad karib dil ke aesi rachna hae aapki ,shbdon ko bhvnaon men bandh lena ye kala hae aapki

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  20. बस , यही तो मेरी पहचान है…..

    सचमुच आपकी कृति ही आपकी पहचान है

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  21. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है..
    बस , यही तो मेरी पहचान है…..

    vah.... sundar ....badhai.

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  22. ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति के साथ भावपूर्ण प्रस्तुती!
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  23. कभी दर्द का अहसास लिए
    कभी आस और विश्वास लिए
    मेरी भावनाएँ ,अकसर आकर…
    मेरे मन के साथ खेलने लगजाती हैं

    Lovely ...

    .

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  24. कोई भी कृति इश्वर का स्वरुप है... सृजन की यात्रा है... और यही हमारी पहचान भी...!
    फिर अंतिम सत्य भी तो यही है कि आत्मा परमात्मा से भिन्न नहीं...!
    सुन्दर रचना!

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  25. सुंदर प्रस्तुती..बधाई....
    मेरी नई पोस्ट


    सब कुछ जनता जान गई ,इनके कर्म उजागर है
    चुल्लु भर जनता के हिस्से,इनके हिस्से सागर है,
    छल का सूरज डूब रहा है, नई रौशनी आयेगी
    अंधियारे बाटें थे तुमने, जनता सबक सिखायेगी,

    आपका स्वागत है
    ________________

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  26. वाह क्या बात है खूबसूरत रचना , बहुत दिनों बाद पढने को मिली

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  27. बहुत ही सटीक भाव..बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    शुक्रिया ..इतना उम्दा लिखने के लिए !!

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  28. सुन्दर भाव चित्र कोमल भावोंकी बरात का आलेख .बधाई .

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  29. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है...

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
    मेरे ब्लौग पर आने के लिए हार्दिक आभार|

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  30. इसे मेरे दिल का गुब्बार कहे
    या फिर..
    एक सुखद सा अहसास
    जो भी हो ……..
    वो मेरी कृति बन जाती है
    अच्छी है या बुरी, ...
    .....
    मेरे साथ भी यही है, मेरे ख्याल से हर एक के साथ यही है, सभी यहाँ अपनी भावनाओं को ही तो उकेरते है.

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  31. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है..
    बस , यही तो मेरी पहचान है…..

    sach kaha hamari kriti hamari pehchan hin to hai. sundar rachna, badhai.

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  32. ये कृति, मेरी आत्मा है, मेरे प्राण है
    मेरी जिन्दगी है ,मेरी पहचान है..
    बस , यही तो मेरी पहचान है…..
    क्या बात है बहुत सुंदर सत्य........

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  33. आत्मस्वीकृति का प्यारा सा एहसास ......

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  34. Amrita Tanmay has left a new comment on my post "मेरी पहचान":

    पहचान यही है.. बहुत बढ़िया..

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  35. क्या कहने, बहुत सुंदर रचना

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  36. कविताएं अहसासों का दर्पण हैं ...सुंदर अभिव्यक्ति । शुभकामनाएँ

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  37. This comment has been removed by the author.

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  38. तब मैं उन्हें शब्दों के जाल में लपेटे
    पन्नों में यूँ ही बिखेर देती हूँ ।

    jivananad ki bhavnaye ..aanubhavi kalam ka parichay

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  39. दिल से निकली बात ही अच्छी कविता होती है

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  40. यहाँ आ कर अच्छा लगा

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