abhivainjana


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Saturday, 24 September 2011

नौनिहाल. ....


नौनिहाल. ....

पड़ोसन के बच्चे को
मिट्टी खाते देख मैं बोली
बहन जी ! आप का बेटा
मिट्टी खा रहा है....
बहन जी बोली ,खाने दो
किसी का क्या जा रहा है
मैं फिर बोली....
मेरे बेटे को भी खिला रहा है
बहन जी बोली, तो क्या ?
मिल बाँट कर खाने की
 आदत डाल रहा है
फिर कुटिल मुस्कान लिए बोली
आज ये मिट्टी खा रहे हैं
आगे चल इन्हें
बहुत कुछ खाना है
कन्ट्रेक्टर,इंजिनीयर बने तो
ईट सीमेंट लोहा सभी  
इन्हीं के पेट में तो जाना है
अपना देश अपनी धरती है
घूंस खाए या कुछ और
अपना ही तो खाएंगे
मै तो कहती हूँ
बाप से एक कदम आगे बढ़ जा
और नेता बन जा
सफेद कपड़े पहन,
काले नीले धंधे करना
घोटाले पर घोटाला कर
 सारा देश ही खा जाना
कह वो अंदर चली गई
पर मैं सोचती ही रह गई....
दूध की जगह बच्चों को हम ,
ये कैसी घुट्टी पिला रहे हैं ?
क्या होगा इन नौनिहालों का
जो इस माहौल में
 पल बढ़ रहे हैं.........
*******************

40 comments:

  1. बहुत सुंदर

    पर मैं सोचती ही रह गई....
    दूध की जगह बच्चों को हम ,
    ये कैसी घुट्टी पिला रहे हैं ?
    क्या होगा इन नौनिहालों का
    जो इस माहौल में
    पल बढ़ रहे हैं

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  2. बहुत सटीक और सार्थक व्यंग...बहुत सुन्दर

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  3. सब मिल जुलकर खाने का धंधा है।

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  4. दूध की जगह बच्चों को हम ,
    ये कैसी घुट्टी पिला रहे हैं ?
    बिल्‍कुल सही कहा है ... सार्थक अभिव्‍यक्ति ।

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  5. बहुत सही व्यंग्य किया है आपने।

    सादर

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  6. sateek vyang...bachchon ke bahane ...

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  7. प्रश्न उठाता शानदार व्यंग्य्।

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  8. क्या होगा इन नौनिहालों का
    जो इस माहौल में
    पल बढ़ रहे हैं.........

    सारा माहौल ही बिगड गया है.. आज के बच्चे संस्कारों की जगह समाज से वह सब पा रहे हैं जो पहले घृणित माना जाता था...लेकिन आज स्वीकार्य है

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  9. दूध की जगह बच्चों को हम ,
    ये कैसी घुट्टी पिला रहे हैं ?



    सुन्दर प्रस्तुति पर बधाई ||

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  10. सटीक व्यंग ... आज कल दूध भी यूरिया मिला होता है ..अब असली घुट्टी कहाँ से लाएं ?

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  11. ये लोग देश की खुशहाली और तरक्क़ी में चार चांद लगाएंगे।

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  12. कैल्शियम की कमी बच्चों को मिट्टी खाने को प्रेरित करती है। समस्या का समाधान करने की बजाए उसे सराहने की प्रवृति ही तो देश -समाज के पतन का कारण है।

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  13. कल 26/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  14. waah...
    sab mili-juli sarkaar hai...

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  15. आज के माहोल पर बहुत अच्छा व्यंग |
    ......धन्यवाद् ......

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  16. व्यवस्था पर करार व्यंग्य बहुत -बहुत आभार

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  17. बहुत ही सही ,सटीक और सार्थक व्यंग्य किया है आपने ...

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  18. बाप से एक कदम आगे बढ़ जा
    और नेता बन जा
    सफेद कपड़े पहन,
    काले नीले धंधे करना
    घोटाले पर घोटाला कर
    मौक़ा मिलते ही तिहाड़ हो आना ,देश का वर्तमान उकेरा है हास्य व्यंग्य की मार्फ़त .बधाई

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  19. अब तो ऐसा ही चलन है ताकि बच्चा बड़ा होकर बाप का नाम रोशन करे।

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  20. क्या होगा इन नौनिहालों का
    जो इस माहौल में
    पल बढ़ रहे हैं...

    प्रश्न उठती रचना... न जाने इनका कल कैसा होगा??

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  21. गहन चिन्तनयुक्त मर्मस्पर्शी रचना !

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  22. सच्चाई को आपने बड़े ही खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है! सटीक व्यंग्य!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

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  23. aapke blog per pehli baar ayi hoon...or afsos hua ki ab tak kyu nahi ayi...bahut sunder likhti hain aap. is kavita mei aaj ke samaj or hamari soch per kataksh kiya hai... sach ka aina hai apki rachna...

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  24. आपको सपरिवार
    नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !

    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  25. उज्जवल भविष्य की और ,तिहाड़ आखिरी मंजिल .

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  26. सच कहा ... भयावह दृश्य खड़ा कर दिया आपने ... पर ये सचाई भी तो है ...

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  27. बहुत ही सही ,सटीक और सार्थक व्यंग्य किया है!
    आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं..
    जय माता दी..

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  28. बहुत अच्छा सटीक कटाक्ष किया है इस कविता के माध्यम से !आभार !

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  29. आपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !

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  30. सोचने से क्या होगा ... बच्चे भी अब दूध नहीं, इसे पचा जाते हैं

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  31. बहुत सटीक व्यंग्य किये हैं आपने इस रचना के माध्यम से आज के हालात ही कुछ ऐसे हैं ....!

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  32. पूत के पाँव पालने में ही तैयार किये जा रहें हैं जतन से यतन से .

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  33. सामाजिक दशा पर सटीक ब्यंग और कटाक्ष करती अति सुन्दर रचना ...वाह मिल बाँट कर खाने की आदत बचपन से ही....अति सुन्दर अभिव्यक्ति !! नवरात्रि की हार्दिक शुभ कामनाएं

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  34. महेश्वरी जी उम्दा सवाल है आपका
    आप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
    mitramadhur@groups.facebook.com

    MADHUR VAANI
    BINDAAS_BAATEN
    MITRA-MADHUR

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  35. बहुत बेहतरीन मारक....

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  36. प्रश्न यथाशीघ्र अपना उत्तर दे ..ऐसी आशा है.सुन्दर लिखा है.

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