श्री अन्ना हजारे |
आज बारहवा दिन है । अन्न का एक दाना भी पेट में नही गया है ,और हमारी सरकार संसद में बैठे सिर्फ बहस बाजी और एक दूसरे पर छींटाकसी में समय नष्ट कर रही हैं । जब अन्ना जी के अमूल्य जीवन की परवाह नहीं है, तो हम आम जनता का दर्द को क्या समझेंगे ……अन्ना जी के स्वास्थ्य और दीर्ध आयु के लिये ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ…प्रस्तुत पंक्तियाँ अन्ना जी के समर्थकों को समर्पित ………
अन्ना एक नाम नही
एक अवाम है
अन्ना एक संघर्ष है
एक विश्वास है
एक आस है,अन्ना
अन्ना एक फैसला है
एक हौसला है,
सुखद सा अहसास
एक मिशाल है अन्ना
अन्ना एक पुकार है
भ्रष्टाचार पर मार है
गरीबों का मसीहा
भूखों की रोटी है अन्ना
अन्ना एक आँधी है
एक क्रान्ति ज्वाला
एक तूफा़न है अन्ना
अन्ना एक ईमान है
एक इम्तिहान है
खुशियों की खान है
जन-जन की जान है
हे दिव्य पुरुष महान
तुम्हें शत-शत प्रणाम है
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बधाई...अन्ना जी को भ्रष्टाचार उन्मूलन के रास्ते में पहली विजय मिल गयी...आगे भी सब उनके साथ हैं.
ReplyDeleteएक क्रान्ति ज्वाला
ReplyDeleteएक तूफा़न है अन्ना
अन्ना एक ईमान है
अन्ना को शत-शत प्रणाम।
.हम अन्ना जी को शत-शत नमन करते है जिन्होंने हमें हमारे अन्दर छिपी शक्ति से परिचित कराया....
ReplyDeleteहे दिव्य पुरुष महान
ReplyDeleteतुम्हें शत-शत प्रणाम है
sunder bhav aur sunder rachna..
anna ji jeet gaye...
ReplyDeleteआपकी भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
ReplyDeleteअन्ना आखिर जीत ही गए हैं.
बहुत बहुत बधाई महेश्वरी जी.
एक किरण जगी है।
ReplyDeleteअन्ना जी के सम्मान में सुंदर मनोभावों से परिपूर्ण इस अच्छी कविता के लिए बधाई और प्रस्तुतिकरण के लिए आभार.
ReplyDeleteअन्ना एक ईमान है
ReplyDeleteजन-जन की जान है
हे दिव्य पुरुष महान
तुम्हें शत-शत प्रणाम है
बढ़िया और सामयिक रचना लिखी है आदरणीया माहेश्वरी कानेरी जी !
…और देखिए आप-हम आमजन की जागरुकता से सफलता असंभव भी नहीं …
श्रेष्ठ रचना के लिए बहुत बधाई !
भ्रष्टाचारियों और तानाशाहों से मुक्ति पाने के लिए
अब लगातार यह याद रखना है ,
और संपर्क में आने वाले हर शख़्स को निरंतर याद दिलाते रहना है ,
प्रेरित करते रहना है कि चुनाव के वक़्त सही आदमी को वोट देना है …
और
मतदान आवश्यक कार्य मानते हुए पूरे दायित्व तथा समझ के साथ
सही व्यक्ति/सही पार्टी को वोट देना है !
जनता के आत्मसम्मान का प्रतीक है। एक विचार है। क्रांति है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा है आपने ! सच्चाई को बड़े ही सुन्दरता से शब्दों में पिरोया है! आपकी लेखनी को सलाम! बेहतरीन प्रस्तुती!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बहुत-बहुत बधाई |
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ||
हे दिव्य पुरुष महान
ReplyDeleteतुम्हें शत-शत प्रणाम है
बहुत ही बढि़या लिखा है आपने ... इस सार्थक एवं सटीक अभिव्यक्ति के लिये बधाई ।
ReplyDeleteशत-शत प्रणाम ...
ReplyDeleteअच्छा भाव और रचना
ReplyDeleteइस युगपुरुष को नमन।
ReplyDeleteहे दिव्य पुरुष महान
ReplyDeleteतुम्हें शत-शत प्रणाम है
hum sabka bhi pranam.
bahut samayik rachna sach me divya purush hai
ReplyDeletebahut bahut badhai
rachana
बहुत सुंदर सामयिक प्रस्तुति,
ReplyDeleteएक चीज और, मुझे कुछ धर्मिक किताबें यूनीकोड में चाहिये, क्या कोई वेबसाइट आप बता पायेंगें,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
ReplyDeleteदुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.
ईद मुबारक
अन्ना जी को शत-शत नमन ....
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता लिखी है आपने.
bus ab to yah mashal jalti rahe aur janta mein jaagruka bani rahi yahi sadichha hai..
ReplyDeletebadiya prastuti ke liye aur ganesh chaturthi kee haardik shubhkamnayen..
सुंदर विचार ,अच्छी कविता बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता ............
ReplyDeleteअन्ना जी ने वो कर दिखाया जो कोई नहीं कर सका आज़ाद भारत में ...
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या लिखा है आपने...शत-शत नमन
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