abhivainjana


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Monday, 22 August 2011

मेरे सपनों का संसार


 मेरे सपनों का संसार
  जहाँ जीवन का हर रंग बहे, ऐसा मुझे उपहार चाहिए
  सद्भावों का जहाँ फूल खिले, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।
         उम्मीदों  का नील गगन हो
               होठों में मुस्कान सघन हो       
          गुनगुनाता अल्हड़ यौवन हो
   ऐसी खुशी अपार चाहिए , ऐसा मुझे संसार चाहिए   
         भूख गरीबी का न घर हो     
     अबला का न चीर हरन हो
      खुशहाल सुरक्षित बचपन हो
  ऐसा सबल आधार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।
        जात-धर्म का न हो बन्धन
         भय आतंक का न हो क्रंदन
       निश्छल सरस सा जीवन
  ऐसा जीवन विस्तार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।
       भ्रष्टाचार मुक्त जहान हो
     निस्वार्थ  हर काम हो
    निर्मल पावन घाम हो
      ऐसा जीवन सार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |       
     अहसासों की बहती वयार हो
    हर तरफ खुशी अपार हो
     बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
 ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
****

45 comments:

  1. अहसासों की बहती वयार हो
    हर तरफ खुशी अपार हो
    बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
    ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |

    बहुत ही अच्छी चाहत है।
    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    सादर

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  2. हम सभी को ऐसा ही संसार चाहिए . अच्छी लगी रचना. आभार .

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  3. उम्मीदों का नील गगन हो
    होठों में मुस्कान सघन हो
    गुनगुनाता अल्हड़ यौवन हो
    ऐसी खुशी अपार चाहिए , ऐसा मुझे संसार चाहिए ।

    बहुत सुन्दर भाव ....सुन्दर प्रस्तुति..कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

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  4. बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! शानदार प्रस्तुती!
    आपको एवं आपके परिवार को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

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  5. बहुत ही सुन्दर भावो से सजी रचना....

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  6. आदर्श सोच की अभिव्यक्ति है इस कविता मे।

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  7. सुंदर कोमल ह्रदय की याचना ...
    बहुत सुंदर रचना...
    शुभकामनायें...

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  8. भावों और शब्दों का सुंदर संयोजन....

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  9. बहुत सुंदर सकारात्मक भाव..... बेहतरीन रचना

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  10. बहुत खूब .. जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ !!

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  11. सद्भावों का जहाँ फूल खिले, ऐसा मुझे संसार चाहिए

    अहसासों की बहती वयार हो
    हर तरफ खुशी अपार हो
    बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
    ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए

    सद्भावपूर्ण नारी मन की सुन्दर रचना

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  12. जहाँ जीवन का हर रंग बहे, ऐसा मुझे उपहार चाहिए
    सद्भावों का जहाँ फूल खिले, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।..........
    आमीन ............बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! शानदार प्रस्तुती!

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  13. आज 23 - 08 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....


    ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
    ____________________________________

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  14. ऐसा ही संसार होना चाहिए ...
    शुभ विचार!
    शुभकामनायें!

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  15. काश ! ऐसा संसार हकीकत में हमें भी मिल पाता.
    सपनों की दुनिया की सैर कराती इस सुन्दर कविता के लिए आभार माहेश्वरी दी.

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  16. आमीन ...काश मिल सके ऐसा संसार

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  17. वाह ...बहुत ही बढि़या ।

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  18. sarthak bhav ki sunder abhivyakti.........

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  19. अहसासों की बहती वयार हो
    हर तरफ खुशी अपार हो
    बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
    ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
    ****बहुत खूबसूरत रचना |

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  20. भूख गरीबी का न घर हो
    अबला का न चीर हरन हो
    खुशहाल सुरक्षित बचपन हो
    ऐसा सबल आधार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।

    आशा का संचार करती पंक्तियाँ ....

    सुंदर कविता ......

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  21. सभी मित्र बंधुओ को बहुत-बहुत धन्यवाद.. आशा है आगे भी आपके उत्साह बढ़ानेवाले सन्देश मेरी रचनाओं को मिलता रहेगा /आभार /

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  22. सपनो की बहुत खूबसूरत दुनिया .......आभार

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  23. आमीन ! ऐसा संसार जल्द से जल्द हमारे ही प्रयास से बनेगा... शुभकामनाएँ !

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  24. वाह,खूब लिखा है.

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  25. काश आपके सपनों को सच का उपहार मिले।

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  26. शुक्रवार --चर्चा मंच :

    चर्चा में खर्चा नहीं, घूमो चर्चा - मंच ||
    रचना प्यारी आपकी, परखें प्यारे पञ्च ||

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  27. अहसासों की बहती वयार हो
    हर तरफ खुशी अपार हो
    बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
    ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
    बहुत ही सुन्दर कोमल भाव युक्त प्रस्तुति....
    सादर शुभकामनायें !!

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  28. भ्रष्टाचार मुक्त जहान हो
    निस्वार्थ हर काम हो
    निर्मल पावन घाम हो
    ऐसा जीवन सार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
    .बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना

    MITRA-MADHUR
    MADHUR VAANI
    BINDAAS_BAATEN

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  29. आदर्श संसार मिलना हर लिसी के नसीब में नहीं पर कोशिश जरूर होनी चाहिए ... सकारात्मक भाव ...

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  30. आपका काल्पनिक संसार बेहद खूबसूरत है.

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  31. भावों से भरी बेहद करीब से दिल को छूती हुयी रचना बधाई

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  32. श्रेष्ठ रचनाओं में से एक ||
    बधाई ||

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  33. उम्मीदों का नील गगन हो
    होठों में मुस्कान सघन हो
    गुनगुनाता अल्हड़ यौवन हो
    Friday, August 26, 2011
    "बद" अच्छा "बदनाम" बुरा...
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/

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  34. उम्मीदों का नील गगन हो
    होठों में मुस्कान सघन हो
    उम्मीदों का नील गगन हो
    होठों में मुस्कान सघन हो
    गुनगुनाता अल्हड़ यौवन हो
    ऐसी खुशी अपार चाहिए , ऐसा मुझे संसार चाहिए ।बहुत सुन्दर भाव -ऊर्जा की धनात्मक अभिव्यक्ति जीवन को प्रेरित करती ,आशाओं का नीलगगन आँचल में भरती....
    Friday, August 26, 2011
    "बद" अच्छा "बदनाम" बुरा...
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/

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  35. जात-धर्म का न हो बन्धन
    भय आतंक का न हो क्रंदन
    निश्छल सरस सा जीवन
    ऐसा जीवन विस्तार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए ...

    very appealing creation...

    .

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  36. आपके सपनों का संसार अद्भुत है।कभी-कभी सपने सच भी हो जाया करते हैं।
    सुधा भार्गव

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  37. सद्भावों का जहाँ फूल खिले, ऐसा मुझे संसार चाहिए....

    सुन्दर कामनाएं... हरदिल अज़ीज़...
    सादर बधाई...

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  38. काश, आपकी सोच सच साबित हो जाती .....हमलोगों को एक ऐसा ही संसार मिल जाता

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  39. बहुत सुन्दर भाव ....सुन्दर प्रस्तुति.

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  40. अहसासों की बहती वयार हो
    हर तरफ खुशी अपार हो
    बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
    ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए
    aesa hi ho ,sundar bahut sundar rachna .

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  41. सुकोमल और सुंदर काव्यात्मक अभिव्यक्ति बधाई आदरणीया माहेश्वरी कनेरी जी

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  42. आपका सपनों का संसार बहुत अच्छा लगा | भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति !
    सुधा भार्गव

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