मेरे सपनों का संसार
जहाँ जीवन का हर रंग बहे, ऐसा मुझे उपहार चाहिए
सद्भावों का जहाँ फूल खिले, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।
उम्मीदों का नील गगन हो
होठों में मुस्कान सघन हो
गुनगुनाता अल्हड़ यौवन हो
ऐसी खुशी अपार चाहिए , ऐसा मुझे संसार चाहिए ।
भूख गरीबी का न घर हो
अबला का न चीर हरन हो
खुशहाल सुरक्षित बचपन हो
ऐसा सबल आधार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।
जात-धर्म का न हो बन्धन
भय आतंक का न हो क्रंदन
निश्छल सरस सा जीवन
ऐसा जीवन विस्तार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।
भ्रष्टाचार मुक्त जहान हो
निस्वार्थ हर काम हो
निर्मल पावन घाम हो
ऐसा जीवन सार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
अहसासों की बहती वयार हो
हर तरफ खुशी अपार हो
बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
****
अहसासों की बहती वयार हो
ReplyDeleteहर तरफ खुशी अपार हो
बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
बहुत ही अच्छी चाहत है।
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
हम सभी को ऐसा ही संसार चाहिए . अच्छी लगी रचना. आभार .
ReplyDeleteउम्मीदों का नील गगन हो
ReplyDeleteहोठों में मुस्कान सघन हो
गुनगुनाता अल्हड़ यौवन हो
ऐसी खुशी अपार चाहिए , ऐसा मुझे संसार चाहिए ।
बहुत सुन्दर भाव ....सुन्दर प्रस्तुति..कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
बहुत सुन्दर भाव ........
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! शानदार प्रस्तुती!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
bahut khoob..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भावो से सजी रचना....
ReplyDeleteआदर्श सोच की अभिव्यक्ति है इस कविता मे।
ReplyDeleteसुंदर कोमल ह्रदय की याचना ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना...
शुभकामनायें...
भावों और शब्दों का सुंदर संयोजन....
ReplyDeleteबहुत सुंदर सकारात्मक भाव..... बेहतरीन रचना
ReplyDeleteबहुत खूब .. जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ !!
ReplyDeleteसद्भावों का जहाँ फूल खिले, ऐसा मुझे संसार चाहिए
ReplyDeleteअहसासों की बहती वयार हो
हर तरफ खुशी अपार हो
बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए
सद्भावपूर्ण नारी मन की सुन्दर रचना
जहाँ जीवन का हर रंग बहे, ऐसा मुझे उपहार चाहिए
ReplyDeleteसद्भावों का जहाँ फूल खिले, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।..........
आमीन ............बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! शानदार प्रस्तुती!
आज 23 - 08 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDelete...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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ऐसा ही संसार होना चाहिए ...
ReplyDeleteशुभ विचार!
शुभकामनायें!
काश ! ऐसा संसार हकीकत में हमें भी मिल पाता.
ReplyDeleteसपनों की दुनिया की सैर कराती इस सुन्दर कविता के लिए आभार माहेश्वरी दी.
आमीन ...काश मिल सके ऐसा संसार
ReplyDeletebhaut hi khubsurat panktiya...
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही बढि़या ।
ReplyDeletesarthak bhav ki sunder abhivyakti.........
ReplyDeleteअहसासों की बहती वयार हो
ReplyDeleteहर तरफ खुशी अपार हो
बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
****बहुत खूबसूरत रचना |
भूख गरीबी का न घर हो
ReplyDeleteअबला का न चीर हरन हो
खुशहाल सुरक्षित बचपन हो
ऐसा सबल आधार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए ।
आशा का संचार करती पंक्तियाँ ....
सुंदर कविता ......
सभी मित्र बंधुओ को बहुत-बहुत धन्यवाद.. आशा है आगे भी आपके उत्साह बढ़ानेवाले सन्देश मेरी रचनाओं को मिलता रहेगा /आभार /
ReplyDeleteसपनो की बहुत खूबसूरत दुनिया .......आभार
ReplyDeleteआमीन ! ऐसा संसार जल्द से जल्द हमारे ही प्रयास से बनेगा... शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteवाह,खूब लिखा है.
ReplyDeleteकाश आपके सपनों को सच का उपहार मिले।
ReplyDeleteशुक्रवार --चर्चा मंच :
ReplyDeleteचर्चा में खर्चा नहीं, घूमो चर्चा - मंच ||
रचना प्यारी आपकी, परखें प्यारे पञ्च ||
अहसासों की बहती वयार हो
ReplyDeleteहर तरफ खुशी अपार हो
बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
बहुत ही सुन्दर कोमल भाव युक्त प्रस्तुति....
सादर शुभकामनायें !!
भ्रष्टाचार मुक्त जहान हो
ReplyDeleteनिस्वार्थ हर काम हो
निर्मल पावन घाम हो
ऐसा जीवन सार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए |
.बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना
MITRA-MADHUR
MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
आदर्श संसार मिलना हर लिसी के नसीब में नहीं पर कोशिश जरूर होनी चाहिए ... सकारात्मक भाव ...
ReplyDeleteआपका काल्पनिक संसार बेहद खूबसूरत है.
ReplyDeleteभावों से भरी बेहद करीब से दिल को छूती हुयी रचना बधाई
ReplyDeleteश्रेष्ठ रचनाओं में से एक ||
ReplyDeleteबधाई ||
उम्मीदों का नील गगन हो
ReplyDeleteहोठों में मुस्कान सघन हो
गुनगुनाता अल्हड़ यौवन हो
Friday, August 26, 2011
"बद" अच्छा "बदनाम" बुरा...
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
उम्मीदों का नील गगन हो
ReplyDeleteहोठों में मुस्कान सघन हो
उम्मीदों का नील गगन हो
होठों में मुस्कान सघन हो
गुनगुनाता अल्हड़ यौवन हो
ऐसी खुशी अपार चाहिए , ऐसा मुझे संसार चाहिए ।बहुत सुन्दर भाव -ऊर्जा की धनात्मक अभिव्यक्ति जीवन को प्रेरित करती ,आशाओं का नीलगगन आँचल में भरती....
Friday, August 26, 2011
"बद" अच्छा "बदनाम" बुरा...
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
जात-धर्म का न हो बन्धन
ReplyDeleteभय आतंक का न हो क्रंदन
निश्छल सरस सा जीवन
ऐसा जीवन विस्तार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए ...
very appealing creation...
.
आपके सपनों का संसार अद्भुत है।कभी-कभी सपने सच भी हो जाया करते हैं।
ReplyDeleteसुधा भार्गव
सद्भावों का जहाँ फूल खिले, ऐसा मुझे संसार चाहिए....
ReplyDeleteसुन्दर कामनाएं... हरदिल अज़ीज़...
सादर बधाई...
काश, आपकी सोच सच साबित हो जाती .....हमलोगों को एक ऐसा ही संसार मिल जाता
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव ....सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteअहसासों की बहती वयार हो
ReplyDeleteहर तरफ खुशी अपार हो
बुजुर्गों का बरसता प्यार हो
ऐसे प्यार की बौछार चाहिए, ऐसा मुझे संसार चाहिए
aesa hi ho ,sundar bahut sundar rachna .
सुकोमल और सुंदर काव्यात्मक अभिव्यक्ति बधाई आदरणीया माहेश्वरी कनेरी जी
ReplyDeleteआपका सपनों का संसार बहुत अच्छा लगा | भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteसुधा भार्गव