जिन्दगी रुकती है न ठहरती है
केन्द्रीय विद्यालय देहरादून संभाग के सभी अवकाश प्राप्त अघ्यापको की हर तीसरे महिने के दूसरे इतवार को बैठक होती है । आज भी शिक्षक दिवस के अवसर पर विशेष बैठक थी..इस दिन का हम बहुत बेसब्री से इंतजार करते है..कारण उस दिन हम अपने उन पुराने साथियों से मिलते है जिनके साथ हमने जवानी में अपने सुख सुख बाँटे हैं और कई बार एक साथ हँसे और रोए भी है उनके साथ मिल कर अपनी पुरानी यादें ताजी करने में बड़ा सकून मिलता है ।
लेकिन आज जैसे ही मैं वहाँ पहुँची तो शोक सभा होरही थी पता चला कि आज हम से हमारे दो साथी बिछुड़ गए ,मन बहुत दुखी हुआ …बार-बार एक यही गाना याद आरहा था “ बिछुड़े सब बारी बारी “
सारा दिन उन्हीं का चेहरा उनकी ही बातें याद आती रही । कुछ काम में मन नही लग रहा था.। शाम को मन हल्का करने के लिए नेट खोला फेस् बुक खोलते ही विभा जी की पोस्ट पर नजर पडी़ तो पता चला पाबला जी के पुत्र भी अपने परिवार को रोता छोड़ कर कहीं दूर चले गए । पढ़ कर विश्वास ही नही हुआ, फिर मैने ब्लांग देखा तो वहाँ भी इस दर्दनाक पोस्ट से ब्लांग भरा पड़ा था ।
आज का दिन मेरा दर्द का दिन रहा..इस लिए मैं आप सब से अपने दुख को बाँटने के लिए ये पोस्ट लिख रही हूँ इस समय रात के ११ बज चुके गए हैं घर में सब सो गए हैं ....चलो मैं भी सोने की कोशिश करती हूँ .। कल सुबह जल्दी उठकर बहुत से काम करने है ..जिन्दगी यूँ ही चलती रहती है न कोई काम रुकता है न ही जिन्दगी रुकती है न ठहरती है …किसी के लिए….
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महेश्वरी कनेरी…
जीवन ऐसा ही बना है. कोई जा रहा है, कोई आ रहा है. लगने लगा है कि यह आना-जाना भी भ्रम ही है. सनातन प्रश्न है- 'साधु, कौन आया और कौन गया.'
ReplyDeleteजिन्दगी यूँ ही चलती रहती है न कोई काम रुकता है न ही जिन्दगी रुकती है न ठहरती है …किसी के लिए….
ReplyDeleteदीदी सही लिखी हैं आप !
पाबला जी के दुःख के ही जैसे दुःख से मैं अपने माता-पिता को दुखी होते देख चुकी हूँ ,मेरे पुराने ज़ख्म फिर से उभर आये थे दीदी !
क्या कहें ...ईश्वर उन परिवारों को संबल प्रदान करे
ReplyDeleteजीवन का यह दुखद पहलू है..सबको संबल मिले..
ReplyDeleteहाँ जीवन तो चलता ही है बस अपनों के ह्रदय चैन सुकून खो दते है....
ReplyDeleteइसी का नाम जिंदगी है,कभी हँसाती है और कभी रुलाती है,,,,
ReplyDeleteRECENT POST,,,,मेरे सपनो का भारत,,,,
ऐसे ही एक जीवन पास से चला जाता है , सोचने की शक्ति भी क्षीण हो जाती है
ReplyDeleteयही सच्चाई है, जिसका हम सब सामना करतें हैं
ReplyDeleteलेकिन इसे भी चुनौती की तरह लेना चाहिए..
दूसरों के दुःख की तदानुभूति खुद का भी विरेचन करती है ...अभी सुख है अभी दुःख है ,अभी क्या था ,अभी क्या है ,जहां दुनिया बदलती है ,उसी का नाम दुनिया है ,मोहब्बत करके भी देखा मगर उसमें भी धोखा है ,यहाँ बदला वफा का बे -वफाई के सिवा क्या है ....ये जीवन यूं ही चलता ही नो बडी इज इन -डिसपेंसिबिल ,न कोई रहा है न कोई रहेगा ,जमाना तो भैया यूं ही चलेगा ......ॐ शान्ति .सूकून पहुंचे उन आत्माओं को जो महाप्रयाण कर गईं .....अपनी पराई सभी ...आत्मा आत्मा भाई भाई .
ReplyDeleteIndeed yesterday was a sad day.
ReplyDeleteसही लिखा है दी, जिन्दगी रुकती नहीं
ReplyDeleteपर जिनके अपने बिछड़ जाते है वे यादों में अवश्य बने रहते हैं
दुःख की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं. ईश्वर आपको दुःख सहने का संबल दे, यही कामना है.
ReplyDeleteकेंद्रीय विद्यालय के दिवंगत सभी साथिओं की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ.
ReplyDeleteये जिंदगी का सफर ना रुका और ना रुकेगा कभी .....
ReplyDeleteकुछ साथी बिछडेंगे और कुछ नए साथ जुड़ कर चलेंगे
bahut mushkil hota hai is dard ko jhelna par jhelna padta hai .....
ReplyDeleteजब तक हैं खुशियां बांटते चलो
ReplyDeleteज़िंदगी का सफर है ये कैसा सफर
ReplyDeleteकोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं..........
Posted by संगीता स्वरुप ( गीत ) मृत्यु तो शाश्वत सत्य है ॥इससे भाल कब ज़िंदगी रुकी है .... जब तक खुद की सांस हैं तब तक चलना ही है ...
ReplyDeleteRamakant Singh has left a new comment on my post मन बड़ा दुखी है क्या कहूँ .सांत्वना के शब्द कम पड़ जाते हैं
ReplyDeleteदिगम्बर नासवा has left a new comment on my post "जिन्दगी रुकती है न ठहरती है":
ReplyDeleteशायद इसी को जीवन कहते हैं ... अपने हाथ में कुछ नहीं होता ...
बस कुछ यादें रह जाती हैं ... सभी को गुज़ारना है इन रास्तों पे ...
समझ नही आरहा है कुछ टिप्पणीया यहाँ नही दिख रही है..जब की मेल में हैं...
ReplyDeleteManoj kumar has left a new comment on my post
ReplyDeleteजो भी, जितनी भी ज़िंदगी है, उसे क्वालिटी की ज़िंदगी बनाकर जी लेना चाहिए।
मन को छूती पोस्ट
ReplyDeletesach hai fir bhi jindagi chalti rahti hai..
ReplyDeleteभावविभोर करती पोस्ट |
ReplyDeleteजिंदगी चलती रहती है और चलती रहनी चाहिे । आपके दुख में हम भी हैं साझेदार ।
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