स्वागत नववर्ष
पन्ने पलटते गए
दिन बदलता रहा
तारीखें बदलने लगी
और साल बदल गया
बीता वर्ष यादें बन गई
कुछ खट्टी ,कुछ मीठी
हर पल इतिहास बन
ज़हन में सिमटने लगे
फिर नई- नई बात
नई सी शुरुवात
आशाएं पनपने लगी
स्वप्न बुनने लगे
उम्मीदें जाग उठी
मन खिलने लगा
नई सुबह, नया उजियारा
स्वागत- स्वागत
नव वर्ष तुम्हारा
************
महेश्वरी कनेरी
बहुत सुन्दर . नव वर्ष की शुभकामनाएं !
ReplyDeleteनई पोस्ट : संस्कृत बनाम जर्मन और विलायती पारखी
सुन्दर शब्द ! नव वर्ष की हार्दिक मंगल कामनाएं
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (02-01-2015) को "ईस्वीय सन् 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा-1846) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
नव वर्ष-2015 आपके जीवन में
ढेर सारी खुशियों के लेकर आये
इसी कामना के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Aàbhar aap ka
Deleteनव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं ।
ReplyDeleteआपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ .....!!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको भी नए साल 2015 की बहुत बहुत हार्दिक मंगलकामनाएं!
aashyaen yun hi sajati rahen..swapan yun hi bunte rahen......
ReplyDeleteNav varsh ke swagat mei likhi kavita ek acchee prastuti hai.
aap ko bhi nav varsh kii shubhkaamnayen.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteभावपूर्ण शब्द ...
ReplyDeleteनव वर्ष की मंगल कामनाएं ...