मन में उठने वाले हर भाव हर अह्सास को शब्दों में बाँध, उन्हें सार्थक अर्थों में पिरोकर एक नया आयाम देना चाह्ती हूँ । भावनाओ के इस सफर में मुझे कदम-कदम पर सहयोगी मित्रों की आवश्यकता होगी.. आपके हर सुझाव मेरा मार्ग दर्शन करेंगे...
अभी आसमान पर इंसान के नापाक कदम नहीं पड़े हैं शायद इसीलिये आसमान बचा है बँटने से. ईश्वर आपकी प्रार्थना सुन ले यही कामना है! दिल की पुरानी परिभाषा कि सिमटे तो दिले आशिक़ - फैले तो ज़माना है, सही हो सके!! बहुत ही अच्छी प्रस्तुति!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (05-05-2014) को "मुजरिम हैं पेट के" (चर्चा मंच-1603) पर भी होगी! -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर विचार !
ReplyDeleteवाह !
ReplyDeleteबहुत हीं सुन्दर ...
ReplyDeleteआकाश जितना बड़ा...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर विचार , काश यह दीवारें जल्द ही गिर जाएँ
ReplyDeleteअनंत जैसा है दिल..
ReplyDeletebahut sundar baat kahi aapne ....!
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन विश्व हास्य दिवस - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteअभी आसमान पर इंसान के नापाक कदम नहीं पड़े हैं शायद इसीलिये आसमान बचा है बँटने से. ईश्वर आपकी प्रार्थना सुन ले यही कामना है! दिल की पुरानी परिभाषा कि सिमटे तो दिले आशिक़ - फैले तो ज़माना है, सही हो सके!!
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (05-05-2014) को "मुजरिम हैं पेट के" (चर्चा मंच-1603) पर भी होगी!
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार शास्त्री जी..
Deleteबहुत सुन्दर बात कही......
ReplyDeleteदीवारें हटने पर दिल भी आसमान जैसा विस्तार पालेंगे । बहुत अच्छा भाव और वैसी ही अच्छी कविता ।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर विचार, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
ReplyDeleteआओ इस दीवार को गिरा कर देखें
कि दिल कितना बड़ा होता है
वाह ! वाऽह…!
बहुत सुंदर !
मंगलकामनाओं सहित...
दीवारें टूटें तो धरती भी आसमान की तरह एकसार हो जायेगी। सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteजब ये दीवार गिर जायगी ... सब एक हो जायेंगे ... आसमान से ...
ReplyDeleteभावपूर्ण ...
काश ये दीवारें टूट सकें !
ReplyDeleteऔर दिल से दिल मिल सके
बहुत ही सुन्दर
सादर !
waah dil kitna bada hotaa hain
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