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Friday 17 February 2012

खाली पन्ने


खाली पन्ने
बहते अश्रु जल ने शायद सब अक्षर मिटा दिए हैं
तभी तो जीवन की किताब के कुछ पन्ने खाली रह गए हैं
इन खाली पन्नो में फिर से कुछ लिख तो लूँ
लेकिन वो जज्बात वो अहसास कहाँ से लाऊँ
जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
 वही अंत हो जाता है 
पन्ना फिर खाली का खाली रह जाता है
***********
महेश्वरी कनेरी

48 comments:

  1. जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
    वही अंत हो जाता है
    पन्ना फिर खाली का खाली रह जाता है

    ....बहुत गहन अभिव्यक्ति....

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  2. खाली पन्ने भी कुछ बयाँ करते हैं...

    कोमल सा भाव लिए-
    बहुत सुन्दर रचना ...
    सादर नमन.

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  3. बहुत ही बढ़िया लिखा है आंटी।

    सादर

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  4. जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
    वही अंत हो जाता है
    पन्ना फिर खाली का खाली रह जाता है

    सुंदर अभिव्यक्ति...

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  5. सूखे पन्नों के जोड़ में छिपी है, जीवन की नमी..

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  6. खाली पन्नों पर चाहे जो इबारत लिख लीजिये पर आरंभ तो करना ही होगा ...

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  7. जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
    वही अंत हो जाता है
    पन्ना फिर खाली का खाली रह जाता ह…………हाय! ये कैसी बेबसी…………

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  8. आज गाने को दोहराने को जी कर रहा दीदी.... मेरी जीवन कोरा कागज कोरा ही रह गया....

    लेकिन वो जज्बात वो अहसास कहाँ से लाऊँ
    जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
    वही अंत हो जाता है
    कहीं से आरंभ तो कीजिये.... :)

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  9. जीवन के कुछ पन्ने अधूरे रह जाते है,..
    सुंदर रचना,अच्छी प्रस्तुति

    new post...फुहार...तुम्हें हम मिलेगें...

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  10. बहुत सुंदर
    आपको पढना वाकई सुखद अनुभव है।

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  11. ज़िन्दगी की किताब में
    कई पन्ने होते हैं
    कुछ पर खुशी के गीत
    लिखे होते
    कुछ पर भयावह किस्से
    कुछ पन्ने रीते होते
    वक़्त निकलने के बाद
    लिखने की इच्छा पैदा करते

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  12. जन्म के साथ मृत्यु आरम्भ के साथ अंत.... यही है जीवन का सत्य ! सुंदर कविता...

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  13. यथार्थ को बयां करती हुई बेहतरीन रचना ....

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  14. बहुत सुंदर भाव हैं..बेहतरीन रचना |

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  15. आरम्भ का अधूरापन कहाँ भरता है

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  16. बहुत सुन्दर और सार्थक बातें, हार्दिक बधाई

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  17. जिसे मैं आरंभ समझती हूँ, वही अंत हो जाता है
    बहुत ही गहरी बात......

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  18. .बहुत गहन अभिव्यक्ति.यथार्थ को बयां करती हुई,,,,,,,,,

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  19. जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
    वही अंत हो जाता है
    गहराई लिये हुए भाव

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  20. कमाल की बेहतरीन रचना.....
    कृपया इसे भी पढ़े-
    नेता- कुत्ता और वेश्या(भाग-2)

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  21. सृनात्मकता का शब्द-द्वंद्व. सुंदर रचना.

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  22. बहुत सुन्दर ,,
    दिल को छु लेनेवाले भाव...
    बेहतरीन रचना :-)

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  23. जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
    वही अंत हो जाता है
    पन्ना फिर खाली का खाली रह जाता है
    ***********


    SACH LIKH HAI APNE ....YAHI HOTA HAI .

    MERE NAYE POST APKE LIYE KUCHH KHAS HAI .

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  24. bahut sundar rachna, aarambh aur ant ka sangam aur punh khali panne-------------

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  25. भावपूर्ण बहुत अच्छी अभिव्यक्ति,सराहनीय प्रस्तुति,..

    MY NEW POST ...सम्बोधन...

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  26. आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (३१) में शामिल की गई है/आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप इसी तरह लगन और मेहनत से हिंदी भाषा की सेवा करते रहें यही कामना है /आभार /

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  27. इस तरह कोरे पन्ने पर भी कुछ अदृश्य पंक्तियां उभर आती हैं।

    बढि़या कविता।

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  28. उम्र के साथ वे एहसास वो ज़ज्बात भी खत्म हो जाते हैं ....

    जब हम थे तुम नहीं ...
    अब तुम हो हम नहीं .....

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  29. बहुत खूब लिखा है..बढि़या कविता,



    महाशिवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं एक ब्लॉग सबका '

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  30. इन खाली पन्नो में फिर से कुछ लिख तो लूँ
    लेकिन वो जज्बात वो अहसास कहाँ से लाऊँ
    जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
    वही अंत हो जाता है
    पन्ना फिर खाली का खाली रह जाता है
    बहुत सुन्दर एहसासात हैं इस रचना में कुछ इस तरह से -बगैर एहसास के जी रहा हूँ इसलिए कि जब कभी एहसास लौटें खैर मकदम कर सकूं .

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  31. आंसुओं से मिटे शब्द वापस नहीं आयें तो अच्छा है ...
    जीवन में कुछ नए शब्द तलाशने में आसानी हो जायेगी ... गहरे भाव लिए ...

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  32. इन खाली पन्नो में फिर से कुछ लिख तो लूँ
    लेकिन वो जज्बात वो अहसास कहाँ से लाऊँ
    जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
    वही अंत हो जाता है
    पन्ना फिर खाली का खाली रह जाता है
    मन की स्लेट पर तो कुछ न कुछ लिखा रह ही जाता है .व्यतीत फिर व्यतीत है उसका स्मरण क्या ?

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  33. khaali panno si zindagi hamari, sadaiv adhuri lagti hai, jabki jivan ka pal pal hum jite hain. sach hai, har baar पन्ना फिर खाली का खाली रह जाता है. sundar abhivyakti, badhai.

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  34. बहुत बढ़िया,गहरे भाव,बेहतरीन अच्छी प्रस्तुति,.....

    MY NEW POST...आज के नेता...

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  35. कविता का भाव बहुत ही अच्छा लगा । मेरे पोस्ट "भगवती चरण वर्मा" पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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  36. बहुत सुंदर भाव हैं..बेहतरीन रचना, इस रचना के लिए आभार

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  37. जिसे मैं आरंभ समझती हूँ
    वही अंत हो जाता है
    पन्ना फिर खाली का खाली रह जाता है
    bahut khoob

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  38. गागर में सागर सा एहसास कराती सुंदर कविता। आभार।

    ------
    ..की-बोर्ड वाली औरतें।
    मूस जी मुस्‍टंडा...

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  39. खुबसूरत अभिव्यक्ति ...... स:परिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं.....

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    ♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
    ♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥



    आपको सपरिवार
    होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
    - राजेन्द्र स्वर्णकार
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    ReplyDelete
  41. आदरणीय महेश्वरी जी
    आजकल आप दिखती नहीं....कुछ नयी पोस्ट भी नहीं...
    आपको होली की शुभकामनाएँ देती हूँ.....
    सादर.

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  42. बढ़िया अभिव्यक्ति ....
    रंगोत्सव पर आपको शुभकामनायें !

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  43. मेरे सपने ,हर दम अपने ,

    जागी आँखों का खाब बने

    दीदी गेट वेळ सून ..

    बिन सेहत सब सून ...

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  44. bahut achchi abhiwaykti.swasthya ka dhyan rakhiye .thanks.

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