बहुत साल पहले सन १९९४ में अपने स्कूल के नन्हें मुन्हें बच्चों के लिए ये पंक्तियाँ लिखी थी …… और आज मैं बाल दिवस के उपलक्ष में सभी नन्हें मुन्हें प्यारे- प्यारे बच्चों को इसे समर्पित कर रही हूँ ।
संदेश… नन्हें पथिक को
एक से बढ़ कर एक हो तुम
एक में भी अनेक हो तुम
तुम से ही, पहचान हमारी
देख रही, तुम्हें दुनिया सारी ।
ग्यान के नन्हें दीप हो तुम
सूर्य के नन्हें प्रतीक तुम
वक्त के साथ अब बढ़ना है ,
उच्च शिखर पर चढ़ना है ।
अंजली भर सपने बटोर रहे
हर सपना सच करना है
दूर बहुत चलना है, पथिक
हैसला और बुलन्द करना है ।
चाहत की तस्वीर हो तुम
भारत की तकदीर हो तुम
बुलंदी के उस पार जाना है
तुम्हें सारा जहाँ जगाना है ।
न होना निराश कभी तुम
न खोना विश्वास कभी तुम
सिर्फ हाथ भर की ही दूरी है
छूने को सारा आसमां है ।
नित नया निर्माण करो तुम
कण-कण में प्राण भरो तुम
नव चेतन जोत जगाना है
नव भारत तुम्हें बनाना है ।
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नित नया निर्माण करो तुम
ReplyDeleteकण-कण में प्राण भरो तुम
नव चेतन जोत जगाना है
नव भारत तुम्हें बनाना है ।
वाह ...बहुत ही बढि़या ... भावमय करते शब्दों का संगम है यह रचना ..।
सुन्दर सन्देश!
ReplyDeleteये सदा प्रासंगिक रहेंगे!
बच्चों को बहुत ही अच्छा संदेश दिया है आंटी।
ReplyDeleteसादर
एक में भी अनेक हो तुम
ReplyDeleteतुम से ही, पहचान हमारी.... इससे अधिक आशीष भरा उपहार और क्या होगा
बच्चों में चेतना जगाने वाली सुंदर प्रेरक रचना....
ReplyDeleteमरे नए पोस्ट में स्वागत है ....
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत कविता है बधाई और शुभकामनाएँ
ReplyDeleteआज के दिन इतनी सुन्दर रचना देने के लिए बधाई ..बहुत खूबसूरत ..
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी रचना है...बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteनीरज
सूर्य के नन्हें प्रतीक तुम
ReplyDeleteवक्त के साथ अब बढ़ना है ,
उच्च शिखर पर चढ़ना है ।
वाह बहुत प्यारा सन्देश
चाहत की तस्वीर हो तुम
ReplyDeleteभारत की तकदीर हो तुम.bhut hi achchi abhivaykti.thanks.
अभी बहुत बढ़ना है तुमको।
ReplyDeleteबाल दिवस को समर्पित एक बहुत ही प्रेरक रचना।
ReplyDeleteबहुत सुंदर और सार्थक कविता....
ReplyDeleteनित नया निर्माण करो तुम
ReplyDeleteकण-कण में प्राण भरो तुम
नव चेतन जोत जगाना है
नव भारत तुम्हें बनाना है
सुंदर पंक्तियाँ...... अच्छी लगी आपकी रचना
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
ReplyDeleteयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
बालदिवस की शुभकामनाएँ!
बहुत सुन्दर फोटो और प्यारी सी कविता ....
ReplyDeleteतुमसे ही पहचान हमारी
ReplyDeleteदेख रही,दुनिया सारी
भविष्य-बीज को,सहेज कर बोना होगा.सुंदर.
बहुत अच्छी,सार्थक व सकारात्मक कृति ।
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति !
वाह..
ReplyDeleteआपकी यह कविता बच्चो में प्रेरणा जगाने का काम करेगी.
बहुत ही सुन्दर एवं सार्थक रचना है
छोटे बच्चों के हाथों में ही तो तकदीर है आने वाले कल का.सार्थक रचना .. बहुत सुन्दर लिखा है.
ReplyDeleteसुन्दर गीत....
ReplyDeleteसादर....
बहुत प्यारी सार्थक रचना |बाल दिवस पर शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteआशा
बेहद सुन्दर शब्द
ReplyDeleteप्यारी सार्थक रचना |बाल दिवस पर शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteग्यान के नन्हें दीप हो तुम
ReplyDeleteसूर्य के नन्हें प्रतीक तुम
वक्त के साथ अब बढ़ना है ,
उच्च शिखर पर चढ़ना है ।
bachchon se hi sahi mayne me desh ka bhavishya banta hai..
wahi hamara kal hain.
Maheshwari di bahut khoob !
नित नया निर्माण करो तुम
ReplyDeleteकण-कण में प्राण भरो तुम
नव चेतन जोत जगाना है
नव भारत तुम्हें बनाना है
बहुत सुंदर, क्या कहने
समय मिले तो मेरे एक नए ब्लाग "रोजनामचा" को देखें। कोशिश है कि रोज की एक बड़ी खबर जो कहीं अछूती रह जाती है, उससे आपको अवगत कराया जा सके।
http://dailyreportsonline.blogspot.com
ज्ञान के नन्हें दीप हो तुम
ReplyDeleteसूर्य के नन्हें प्रतीक तुम
प्रेरणा देता हुआ बड़ा ही सुंदर बाल-गीत.
सार्थक ... प्रेरणा से ओतप्रोत गीत है ...
ReplyDeleteप्रेरणा दायक ...
Very motivating and inspiring creation.
ReplyDeleteन होना निराश कभी तुम
ReplyDeleteन खोना विश्वास कभी तुम
सिर्फ हाथ भर की ही दूरी है
छूने को सारा आसमां है ।
बच्चों को प्रेरित और उनके मन में आत्मविश्वास जगाने वाला सुंदर गीत।
राष्ट्र के भावी कर्णधार बच्चों से बहुत सुन्दर भावपूर्ण आव्हान ..
ReplyDeleteशुभ कामनायें !!