आज मेरी बेटी का जन्म दिन है । समय कैसे निकल जाता है । मानो कल की ही बात हो –उसकी छोटी-छोटी खुशियाँ .छोटी-छोटी जरूरतें , छोटे-छोटे सपने कब बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियों में बदल गए , पता ही नहीं चला । मुझे अपनी बेटी पर बहुत गर्व है । ईश्वर सभी को ऎसी बेटी दे……
प्रस्तुत कविता मैं उन सभी बेटियों को समर्पित करती हूँ जिन पर उनके माता-पिता को गर्व है……..
मेरी प्यारी बेटी
पलकों में पली साँसों में बसी माँ की आस है बेटी
हर पल मुस्काती गाती एक सुखद अहसास है बेटी
गहन अंधेरी रातों में जैसे, भोर की उजली किरन है बेटी
सूने आँगन में खिली, मासूम कली की सी मुस्कान है बेटी
मान अभिमान है बेटी, दोनों कुलों की लाज है बेटी
दुख दर्द अंदर ही सहती,एक खामोश आवाज़ है बेटी
तपित धरती पर सघन छाया सी, शीतल हवा है बेटी
लक्ष्मी दुर्गा सरस्वती सी,बुजुर्गो की पावन दुआ है बेटी
करते विदा जब डोली में,तब पराई होजाती है बेटी
उदास मन सूना आँगन, फिर बहुत याद आती है बेटी
*****
प्यारी स्वाती को मंगलकामनायें .......
ReplyDeleteमंगलकामनायें ||
ReplyDeleteमान अभिमान है बेटी,
दोनों कुलों की लाज है बेटी
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
बधाई |
बेटियों पर एक मौलिक रचना. बहुत सुन्दर. आभार !
ReplyDeleteदीदी को जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteकविता बहुत ही अच्छी लगी.
सादर
happy birthday to swati:)
ReplyDeleteहमारी ओर से भी हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteकल 18/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
'स्वाती'का जन्मदिन आप सब को बहुत-बहुत मुबारक हो.कविता अत्युत्तम है.
ReplyDeleteHappy Birthday to Swati!
ReplyDeleteस्वातिजी को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई .......आपकी रचना पढ़कर मुझे अपनी मम्मी की याद आ गई
ReplyDeleteरोचक प्रस्तुति। बेटी को आशीष।
ReplyDeleteआप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद..
ReplyDeleteस्वाति को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें....अपनी रचना में आपने बेटी के माता पिता के ह्रदय की भावनाएं बहुत मर्मस्पर्शी ढंग से उकेरी हैं..बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..
ReplyDeletehappy birthday....
ReplyDeleteस्वाति के जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें ... रचना बहुत खूबसूरत है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव बिटिया के लिये !!!
ReplyDeleteस्वाति के जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें देर से आने केलिए क्षमा प्रार्थी हूँ |रचना मर्मस्पर्शी है अन्दर तक असर कर गयी ...
ReplyDeleteस्वाति को जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! जन्मदिन पर एक अनमोल तोहफा ! बेहतरीन प्रस्तुती!
तपित धरती पर सघन छाया सी, शीतल हवा है बेटी
ReplyDeleteलक्ष्मी दुर्गा सरस्वती सी,बुजुर्गो की पावन दुआ है बेटी
जन्मदिन के साथ बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं ।
बहुत बहुत बधाई स्वाति को जन्म दिन पर और आपको इस सुंदर कविता व चित्रों के संकलन पर !
ReplyDeletepyaari swaati ko janamdin ki bahut bahut shubkamnayen.betiyan sach main bahut pyaari hoti hain.aapki rachanaa bhi utani pyaari hai.badhaai aapko.
ReplyDeleteplease visit my blog.thanks.
स्वाति को जन्मदिन पर बहुत बहुत शुभकामनायें!
ReplyDeleteआपको इस सुंदर कविता व चित्रों के संकलन की बहुत बधाई!
बिटिया के जन्म दिन की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteआपने मेरे ब्लॉग पर आकर मेरा उत्साहवर्धन किया इसके लिए धन्यवाद और मैं बहुत ही भाग्यशाली हूँ जो आपने मुझे अपनी ही बेटी समान समझा
ReplyDeleteमूलमंत्र सिखलाता हूँ मैं
ReplyDeleteयाद लाडली रखना इसको
यदि तुमको कुछ पाना हो
तो देना पहले सीखो पुत्री
पहल करोगी अगर नंदिनी घर की रानी तुम्ही रहोगी
http://satish-saxena.blogspot.com/2008/10/blog-post_11.html
happy birthday
ReplyDeletenice pics
करते विदा जब डोली में उसे,तब पराई होजाती है बेटी
ReplyDeleteउदास मन सूना आँगन, फिर बहुत याद आती है बेटी
Meree to aankhen bhar aayeen!
Bitiyaa ko janam din bahut mubarak ho!
देर से सही, ....स्वाति को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई ......
ReplyDeleteरचना में भावाभिव्यक्ति बहुत अच्छी है.. ...बधाई.
ReplyDeleteस्वाति को जन्मदिन की बधाई ,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
janm din ki bahut bahut shubhkamnayen .apni ma ka naam sada roushan karna
ReplyDeleterachana
बहुत सुन्दर .. और जब बेटी बिदा होती है तो माँ पिता को कितनी पीड़ा होती है..फिर भी बेटी बहुत ही सुन्दर रिश्ता है..कितना प्यार होता है बेटी के मन में... आपकी रचना बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteस्वाति को शुभकामनाएं ..
ReplyDeleteआपकी लाडली बिटिया रानी के जन्मदिन पर शुभकामनाएं.
ReplyDeleteयहाँ विलम्ब से आना हुआ. आप शायद कुछ दिनों के लिए यात्रा पर गयीं थीं.
बेटी को जनम दिन की बधाई ...
ReplyDeleteबहुत ही सच लिखा है ... बेटियाँ हमेशा दिल में रहती हैं ...
मेरी तरफ से भी बिटिया को ढेरों शुभकामनायें |कविता सुंदर है बधाई
ReplyDeleteगा पढ़ कर इस पोस्ट को उदगार को भाव असभी महालाक्ष्मियों का अभिनन्दन करती माँ की स्नेहिल भेंट है यह कविता .सभी का भाव विरेचन करती है यह रचना भोर की उजास है बेटी तपती धरती पर पहली बरसात है बेटी .अच्छा लनुभूति को जिया आपने साक्षी हम भी बने .आभार .
ReplyDeleteअच्छा ल गा पढ़ कर इस पोस्ट को सभी महालाक्ष्मियों का अभिनन्दन करती माँ की स्नेहिल भेंट है यह कविता .सभी का भाव विरेचन करती है यह रचना भोर की उजास है बेटी तपती धरती पर पहली बरसात है बेटी .अनुभूति को जिया आपने साक्षी हम भी बने .आभार .
ReplyDeleteसुन्दर सी प्यारी सी हमारी बिटिया को आशीष जन्म दिन की .हाँ !माँ बाप के लिए तो हर उम्र की,बच्चों के विकास के हर चरण पर अपनी बेचैनी और औतुस्क्य बच्चों को ले कर निरंतर बना ही रहता है .सही कहा आपने .
ReplyDeletemaa ki mamta se yukt ,sunder bhav ki sunderprastuti
ReplyDeletemaa ke man se hamesha yahi bol nikalte hai beti ke liye. bahut acchhi abhivyakti.
ReplyDeletewish u very happy b,day....
ReplyDeleteस्वाति को जन्मदिन की बधाई .
ReplyDeleteदेर से सही....स्वाति को जन्मदिन की हार्दिक बधाई .
ReplyDeleteऔर...
बहुत ही कोमल भावनाओं में रची-बसी खूबसूरत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई।
बेटी
ReplyDeleteअपनी योग्यताओं के आधार पर
सच में
आज, माँ-बाप के लिए
गर्व का विषय है
आपकी रचना स्तरीय है ,, बधाई .
Der se ane ke liye mafi chahunga.
ReplyDeletePyari Bahan ko janmdin ki hardik subhkamnaye.
ham bahut door hin.....
ap hamre taraf se apna aur hamari pyari si bahan ka moh mitha kara dijiyega.
waise sanjog se ye 16.07.89 ko hi mere bhi is duniya me agman huwa tha.
Abhar.
आदरणीय महेश्वरी कनेरी जी हार्दिक अभिवादन और बेटी को ढेर सारी शुभ कामनाएं जन्म दिन पर -आप के वर्णित किये से सारे गुण भर जाएँ खुशियाँ बरसती रहें -
ReplyDeleteसुन्दर रचना भी
आभार आप का -बधाई भी
भ्रमर ५
गहन अंधेरी रातों में जैसे, भोर की उजली किरन है बेटी
सूने आँगन में खिली मासूम कली की सी मुस्कान है बेटी
Loved this one. Nicely put.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
ReplyDeleteबधाई |
स्वाति , जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई ,
ReplyDeleteमान अभिमान है बेटी, दोनों कुलों की लाज है बेटी
ReplyDeleteदुख दर्द अंदर ही सहती,एक खामोश आवाज़ है बेटी
bahut hi kboobsurat rachna ,dhero badhai bitiya ko ,aabhari hoon aapki dhanyabaad
वाह सुंदर
ReplyDeleteगहन अंधेरी रातों में जैसे, भोर की उजली किरन है बेटी
ReplyDeleteसूने आँगन में खिली मासूम कली की सी मुस्कान है बेटी
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ! बेटियों से ही घर-आँगन महकता hai !
स्वाति को जन्मदिन की बधाई ....!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteसादर शुभकामनाएं.
sach kaha beti ke ek sukhd ehsaas hai. beti ke bina kitna soona ho jata hai ghar. bahut sundar abhivyakti, badhai.
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार, कल 19 नवंबर 2015 को में शामिल किया गया है।
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !