tag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post2073022518322482421..comments2024-03-10T14:01:45.408+05:30Comments on अभिव्यंजना: आओ खेले बचपन- बचपनMaheshwari kanerihttp://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-34631797280153152752012-07-15T12:54:31.334+05:302012-07-15T12:54:31.334+05:30सुंदर...बचपन के खेल याद आ गए...सुंदर...बचपन के खेल याद आ गए...Mahi Shttps://www.blogger.com/profile/16742224478901211954noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-22750677769840008952012-07-14T21:29:39.336+05:302012-07-14T21:29:39.336+05:30वो कागज की नाव,और बरसता पानी,|
सिर्फ यादे रह गई,रह...वो कागज की नाव,और बरसता पानी,|<br />सिर्फ यादे रह गई,रह गई याद कहानी,|<br />रहगई याद कहानी,कागज की नाव बहाते<br />मित्रों के संग भीगते, और मौज मनाते<br />आज इस पडाव पर,उलझन ही उलझन<br />क्या दिन थे जब खलते बचपन बचपन,,,,,, <br /><br />RECENT POST<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/07/blog-post_11.html#comment-form" rel="nofollow">...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-36405772067426861742012-07-14T13:34:37.026+05:302012-07-14T13:34:37.026+05:30इन छुट्टियों में बच्चों को यही खेल खेलते देख अपने ...इन छुट्टियों में बच्चों को यही खेल खेलते देख अपने बचपन को देखा है. बहुत प्यारी रचना जो उलझन से निकलने को प्रेरित करती है.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-85490359478328252232012-07-14T12:09:20.424+05:302012-07-14T12:09:20.424+05:30बहुत प्यारी कविता।
सच है,बचपन की ओर बार-बार निहारन...बहुत प्यारी कविता।<br />सच है,बचपन की ओर बार-बार निहारना अच्छा लगता है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-13948273686208159292012-07-12T06:42:03.751+05:302012-07-12T06:42:03.751+05:30आओ खेले बचपन- बचपन
मजा आ गया पढकरआओ खेले बचपन- बचपन<br />मजा आ गया पढकरVandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-89432664819305258632012-07-12T05:15:05.297+05:302012-07-12T05:15:05.297+05:30आओ खेले बचपन- बचपन....
क्या बात है..... शीर्षक पढ...आओ खेले बचपन- बचपन....<br /><br />क्या बात है..... शीर्षक पढ़कर ही बचपन याद आता चला गया .....<br /><br />आम, सह्तुत, पनियल के पेड़ों पर बिताये वो सुनहरे पल ........हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-14097726290526912892012-07-11T22:44:27.909+05:302012-07-11T22:44:27.909+05:30बचपन याद आ गया...
देर से आने के लिए सॉरी...नेट की ...बचपन याद आ गया...<br />देर से आने के लिए सॉरी...नेट की समस्या!!!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-24769425081004913202012-07-11T18:36:58.958+05:302012-07-11T18:36:58.958+05:30रिमझिम सी बारिश में
कागज़ की नाव बनाते
कुछ डूबते क...रिमझिम सी बारिश में<br />कागज़ की नाव बनाते<br />कुछ डूबते कुछ तैरते<br />देख- देख खुश होते<br /><br />कोई बहुत कुछ लेकर बचपन लौटा दे ले लेंगे .बचपन का भोलापन और निश्छल निर्मल मन ही हमें राजा भोज के राज्य का गडरिया बनाता है . जो निष्कपट न्याय करता है .Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-31362754401348598552012-07-10T21:13:36.358+05:302012-07-10T21:13:36.358+05:30बहुत सुन्दर सृजन, सुन्दर भाव, बधाई.
कृपया मेरी न...बहुत सुन्दर सृजन, सुन्दर भाव, बधाई.<br /><br /> कृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना शुभाशीष प्रदान करें , आभारी होऊंगा .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-14659404810994548022012-07-10T19:12:03.258+05:302012-07-10T19:12:03.258+05:30पुरानी स्मृतियों से धूल झाड़कर ....चहरे पर मुस्करा...पुरानी स्मृतियों से धूल झाड़कर ....चहरे पर मुस्कराहट बिखेर दी ....बहुत प्यारी रचनाSarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-11182605391233493862012-07-10T18:03:01.989+05:302012-07-10T18:03:01.989+05:30वो कागज की नाव,और बरसता पानी,|
सिर्फ यादे रह गई,रह...वो कागज की नाव,और बरसता पानी,|<br />सिर्फ यादे रह गई,रह गई याद कहानी,|<br />रहगई याद कहानी,कागज की नाव बहाते <br />मित्रों के संग भीगते, और मौज मनाते <br />आज इस पडाव पर,उलझन ही उलझन|<br />क्या दिन थे जब खलते बचपन बचपन <br /><br />चर्चामंच पर,,,,,देखेधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-8816739100206950352012-07-10T17:07:05.317+05:302012-07-10T17:07:05.317+05:30बचपन में लौटने का मौका मिले तो बात ही क्या है ... ...बचपन में लौटने का मौका मिले तो बात ही क्या है ... <br />उन दिनों कों याद करा दिया इस लाजवाब रचना ने ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-53350837885603409122012-07-10T12:57:02.084+05:302012-07-10T12:57:02.084+05:30बचपन के दिन याद करा दिये ... बहुत प्यारी रचनाबचपन के दिन याद करा दिये ... बहुत प्यारी रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-90791621631281919082012-07-10T09:52:55.662+05:302012-07-10T09:52:55.662+05:30साधु-साधुसाधु-साधुArun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-34157384569276798182012-07-10T09:23:23.348+05:302012-07-10T09:23:23.348+05:30नाख़ून गड़ा के चलें, चिकनी मिटटी खूब ।
कीचड़ में फ...नाख़ून गड़ा के चलें, चिकनी मिटटी खूब ।<br /><br />कीचड़ में फिर भी सनें, मैया जाती ऊब ।<br /><br />मैया जाती ऊब , नालियाँ नहर बनाते ।<br /><br />छींक-खाँस हलकान, फिर भी बाज न आते ।<br /><br />तालाब किनारे जाय, खाय भैया का झापड़ ।<br /><br /> वापस आ के खाय, पकौड़ी हलुआ पापड ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-20293028586330142942012-07-10T07:54:42.492+05:302012-07-10T07:54:42.492+05:30अति सुन्दर प्रवाहमयी रचना..सच कहा ..अब भी मन करता...अति सुन्दर प्रवाहमयी रचना..सच कहा ..अब भी मन करता है वही खेल खेलें..बचपन- बचपन..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-23391201091535710052012-07-09T22:35:55.112+05:302012-07-09T22:35:55.112+05:30बहुत सुंदर....बचपन सदा बना रहे.....बहुत सुंदर....बचपन सदा बना रहे..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-45815666372936489752012-07-09T20:47:53.283+05:302012-07-09T20:47:53.283+05:30आपकी रचना अच्छी लगी। मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है।...आपकी रचना अच्छी लगी। मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है। धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-11548316674399560952012-07-09T19:18:09.379+05:302012-07-09T19:18:09.379+05:30आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १०/७/...आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १०/७/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आप सादर आमंत्रित हैं |Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-27500939706003293622012-07-09T18:58:00.344+05:302012-07-09T18:58:00.344+05:30बहुत ही प्यारी रचना
सादरबहुत ही प्यारी रचना <br /><br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-2945011300207784772012-07-09T18:15:01.466+05:302012-07-09T18:15:01.466+05:30हर बचपन की येही कहानी
वो कागज की किश्ती ,वो बारिश...हर बचपन की येही कहानी <br />वो कागज की किश्ती ,वो बारिश का पानी ....<br />सुंदर रचना !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-43961305991719004692012-07-09T18:09:18.894+05:302012-07-09T18:09:18.894+05:30बचपन पर उत्कृष्ट पंक्तियाँ
पढने को मिली |
सरल प्र...बचपन पर उत्कृष्ट पंक्तियाँ <br />पढने को मिली |<br />सरल प्रस्तुति ||<br />आभार दीदी |रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-92041974572103938212012-07-09T17:20:42.786+05:302012-07-09T17:20:42.786+05:30बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति. सुन्दर रचना. :-).
आज क...बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति. सुन्दर रचना. :-).<br /><a href="http://rajpurohitagra.blogspot.com//" rel="nofollow"> आज का आगरा </a>Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-71594338884633291242012-07-09T17:11:10.412+05:302012-07-09T17:11:10.412+05:30दे दो मुझे वो दिन
जब सब मेरे लिए जीते थे
अब जीता...दे दो मुझे वो दिन <br />जब सब मेरे लिए जीते थे <br />अब जीता हूँ दूसरों के लिए<br />खुद किसी तरह <br />घिसटते घिसटते जीता हूँ,,,,,, <br />आओ खेले बचपन- बचपन<br />सुन्दर रचनाNirantarhttps://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3970985137273829385.post-70131923933299297392012-07-09T14:29:35.962+05:302012-07-09T14:29:35.962+05:30कितना सुन्दर खेल है ना... आओ खेलें बचपन-बचपन... बह...कितना सुन्दर खेल है ना... आओ खेलें बचपन-बचपन... बहुत सुन्दर पलों को याद दिला दी आपने... आभारसंध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.com